संभल की शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही ‘सत्यव्रत पुलिस चौकी’ का भूमि पूजन संपन्न। महिलाओं की भागीदारी ने निर्माण कार्य को खास बनाया।
संभल: सुरक्षा और शांति की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही ‘सत्यव्रत पुलिस चौकी’ का भूमि पूजन शनिवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर एएसपी श्रीशचंद्र और कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर ने चौकी की नींव रखी। भूमि पूजन का यह कार्यक्रम आचार्य पंडित शोभित शास्त्री के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ।
पुराने नाम से प्रेरित हुआ चौकी का नाम
पुलिस प्रशासन ने इस चौकी का नाम ‘सत्यव्रत पुलिस चौकी’ रखा है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो संभल का यह इलाका कभी सत्यव्रत नगर के नाम से जाना जाता था। इस नाम से क्षेत्र की ऐतिहासिकता और संस्कृति को संरक्षित करने की कोशिश की गई है।
बारिश में भी जारी रही पूजा
भूमि पूजन के दौरान भारी बारिश के बावजूद आयोजन को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूरा किया गया। यह पुलिस चौकी शाही जामा मस्जिद के पास बन रही है, जो मुस्लिम बहुल इलाका है। हाल ही में यहां हिंसा की घटनाएं देखने को मिली थीं, जिसके बाद प्रशासन ने इलाके की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चौकी बनाने का निर्णय लिया।
महिलाओं ने दिया निर्माण में सहयोग
भूमि पूजन के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसमें महिलाओं की भागीदारी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। महिलाएं श्रमिकों के साथ मिलकर निर्माण कार्य में जुट गईं। उन्होंने फावड़ा उठाकर ईंटें ढोईं और ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाए। इस सहभागिता ने इलाके में एकता और सौहार्द का संदेश दिया।
सुरक्षा के लिए तैनात रहा पुलिस बल
भूमि पूजन के दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।
इलाके में सुरक्षा और शांति की उम्मीद
पुलिस चौकी के निर्माण से क्षेत्र की सुरक्षा में सुधार की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की। उनका मानना है कि चौकी से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनेगा।
समाज के लिए नई उम्मीद
‘सत्यव्रत पुलिस चौकी’ का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने इसे जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया है। यह चौकी न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करेगी, बल्कि लोगों के भीतर सुरक्षा का विश्वास भी बढ़ाएगी।
संभल के लिए ऐतिहासिक क्षण
इस कार्यक्रम ने न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्व रखा, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक एकता का संदेश भी दिया। महिलाओं की भागीदारी और स्थानीय लोगों का सहयोग इस कार्यक्रम को खास बनाता है।
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