संभल: 68 तीर्थों में से 6 की हुई पहचान, 19 प्राचीन कूपों का ASI ने किया सर्वे




संभल में पौराणिक धरोहरों की खोज ने पकड़ी रफ्तार, 68 तीर्थों और 19 कूपों में से कई की पहचान के बाद सर्वे जारी।

संभल के 68 तीर्थों में से 6 की पहचान, 19 कूपों पर ASI का सर्वे। संभल के धार्मिक और पौराणिक धरोहरों का ऐतिहासिक अध्ययन तेज।

धार्मिक नगरी संभल की पौराणिक पहचान

संभल, जिसे पौराणिक ग्रंथों में भगवान नारायण की अवतार स्थली कहा गया है, अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां 68 तीर्थ, 19 प्राचीन कूप, 36 पुरों और 52 सरायों का वर्णन मिलता है। लंबे समय से इन धरोहरों की तलाश की जा रही थी, जिसमें हाल ही में बड़ी प्रगति हुई है। जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 19 प्राचीन कूपों और 6 तीर्थों की पहचान कर ली है।

19 प्राचीन कूपों की सूची

संभल के धार्मिक और पौराणिक महत्व को प्रमाणित करते हुए 19 कूपों की पहचान हुई है। इनमें प्रमुख कूप इस प्रकार हैं:

1. चतुर्मुख कूप - आलम सराय, पानी की टंकी के पास।


2. अमृत कूप - दुर्गा कॉलोनी, कूप मंदिर।


3. अशोक कूप - हल्लू सराय मोहल्ला।


4. सप्तसागर कूप - सर्थलेश्वर मंदिर, सरथल चौकी के पास।


5. बलि कूप - पुरानी तहसील, कूचे वाली गली।


6. धर्म कूप - हयातनगर।


7. ऋषिकेश कूप - शिव मंदिर, कोट पूर्वी।


8. परासर कूप - कल्कि मंदिर के पास।


9. अकर्ममोचन कूप - संभल कोतवाली के सामने।


10. धरणि वाराह कूप - जामा मस्जिद चौकी।


11. प्राचीन कूप - जामा मस्जिद परिसर।


12. कृष्णा कूप - कल्कि विष्णु मंदिर।

इन कूपों में से कई को समय के साथ ढंका गया था। प्रशासन ने अब इनकी ऐतिहासिकता को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है।

6 तीर्थों की पहचान

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, संभल में 68 तीर्थों का उल्लेख है। इनमें से अब तक 6 की पहचान की जा चुकी है:

1. भद्रका आश्रम तीर्थ - हौज भदेसरा।


2. स्वर्गदीप तीर्थ - जलालपुर मोहम्मदाबाद।


3. चक्रपाणि तीर्थ - जलालपुर।


4. श्मशान तीर्थ - आर्य कोल्ड स्टोरेज के पास।


5. कल्कि विष्णु मंदिर तीर्थ।


ASI ने इन तीर्थों पर सर्वे पूरा कर लिया है। इनका काल निर्धारण जल्द किया जाएगा।

ASI की रिपोर्ट और अगला कदम

संभल के DM द्वारा 14 दिसंबर को ASI को लिखे गए पत्र के आधार पर यह कार्यवाही शुरू हुई। शनिवार और रविवार को ASI की टीम ने इन स्थानों का सर्वे किया। टीम के अनुसार, एक महीने के भीतर सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।

जिला प्रशासन के आग्रह पर ASI ने इन सभी स्थलों के काल निर्धारण के लिए प्रक्रिया तेज कर दी है। यह कदम संभल की धार्मिक और पौराणिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

अभी बाकी है तलाश

संभल में 62 तीर्थ, 36 पुरे और 52 सरायों की पहचान अब भी बाकी है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और इतिहासकारों से सहयोग की अपील की है। संभल की इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए सरकार भी विशेष बजट आवंटित कर सकती है।

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