संभल हिंसा: फर्जी पत्रकार ने QR कोड से की अवैध वसूली, पुलिस ने किया गिरफ्तार




संभल हिंसा: फर्जी पत्रकार QR कोड के जरिए अवैध वसूली करते पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

संभल (उत्तर प्रदेश): संभल में हुई हिंसा के बाद भ्रामक गतिविधियों के चलते एक फर्जी पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने हिंसा का फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया और QR कोड जारी कर लोगों से अवैध वसूली करने की कोशिश की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया और न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

कैसे हुआ खुलासा?

24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के बाद कई भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर फैलने लगी थीं। इन्हीं पोस्टों के बीच पुलिस को असीम रजा जैदी नामक व्यक्ति की शिकायत मिली। आरोपी ने खुद को एक प्रमुख समाचार पत्र का पत्रकार बताते हुए QR कोड के जरिए हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों की मदद के लिए आर्थिक सहायता मांगी।

भ्रामक वीडियो से गुमराह करने की कोशिश

पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी ने हिंसा के फर्जी वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की। इन वीडियो के जरिए वह समाज में भड़काऊ माहौल पैदा करना चाहता था। इसके साथ ही उसने QR कोड जारी कर लोगों से धन एकत्रित करने का षड्यंत्र रचा।

फर्जी पत्रकार का पर्दाफाश

जांच के दौरान जब पुलिस ने उस समाचार पत्र के कार्यालय से संपर्क किया, जिसका नाम आरोपी ने लिया था, तो खुलासा हुआ कि असीम रजा जैदी वहां काम नहीं करता। समाचार पत्र कार्यालय ने आरोपी के दावों को खारिज करते हुए बताया कि उनके यहां ऐसा कोई व्यक्ति नियुक्त नहीं है।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उठाए कदम

एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ने कई लोगों के खातों से पैसे ट्रांसफर किए हैं। पुलिस अब उसके बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कितनी रकम और किन खातों से ली है।

सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई

संभल पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों और भ्रामक पोस्टों पर कड़ी नजर रखी हुई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी भ्रामक खबर पर विश्वास न करें और ऐसी खबरों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।

संभल हिंसा की पृष्ठभूमि

24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद संभल जिले में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। इस बीच आरोपी जैसे फर्जी पत्रकार लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती थी।

फर्जी पत्रकारों से सावधान रहने की अपील

पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से सावधान रहें, जो आपदा या हिंसा का लाभ उठाकर अवैध रूप से धन वसूलने की कोशिश करते हैं। अगर किसी को इस तरह की गतिविधियों की जानकारी मिलती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।




संभल हिंसा के बाद फर्जी पत्रकार द्वारा किए गए इस अवैध वसूली के प्रयास ने समाज में अविश्वास का माहौल बनाने की कोशिश की। पुलिस की मुस्तैदी के कारण यह षड्यंत्र सफल नहीं हो पाया। जनता को भी सतर्क रहकर प्रशासन का साथ देना चाहिए।

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