संभल में सनातन के अद्भुत निशान: ऐतिहासिक रानी की बावड़ी का रहस्य उजागर, कुएं, सुरंग और कक्षों का मिला अद्भुत खजाना




संभल में ऐतिहासिक रानी की बावड़ी का खुलासा, 1857 में निर्मित इस बावड़ी में कुएं, सुरंग और 12 कक्ष मिले। प्रशासन ने खुदाई शुरू की।

संभल (उत्तर प्रदेश): ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी संभल में सनातन के अनगिनत निशान उजागर हो रहे हैं। यहां पर अब तक 6 मंदिर, 19 कूप और अब चंदौसी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बावड़ी मिली है। प्रशासन इसे ‘रानी की बावड़ी’ बता रहा है, जिसका निर्माण वर्ष 1857 में किया गया था। यह खोज संभल के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को और भी मजबूत करती है।

रानी की बावड़ी का इतिहास

राजपरिवार की सदस्य शिप्रा ने दावा किया है कि यह बावड़ी उनके परिवार की संपत्ति है। शिप्रा के मुताबिक, उनके पूर्वज यहां खेती करते थे और उसी दौरान इस बावड़ी का निर्माण ठहरने और पानी की सुविधा के लिए किया गया। बताया गया कि यह संरचना रेस्टहाउस की तर्ज पर बनाई गई थी, जहां स्थानीय लोग और यात्री ठहर सकते थे।

हालांकि, समय के साथ इस जगह पर स्थानीय लोगों और अन्य समूहों ने कब्जा कर लिया। अब प्रशासन ने इस बावड़ी की खुदाई शुरू की है, जिसमें चार कक्ष, 12 अन्य कमरे, एक कुआं और एक सुरंग का पता चला है।

धार्मिक महत्व और पुराणों में उल्लेख

संभल को पुराणों में धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि इस नगर में 19 कुएं, 68 तीर्थ, 36 पुरे और 52 सराय हैं। अब तक प्रशासन ने 19 कुओं और 6 तीर्थों को खोज निकाला है। शेष स्थानों की खोज जारी है।

यह बावड़ी शाही जामा मस्जिद से 27 किलोमीटर दूर चंदौसी तहसील में मिली है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह संरचना सालों से अज्ञात थी, लेकिन प्रशासन द्वारा मिली शिकायत के बाद इसे खोजा गया।

खुदाई में मिले अद्भुत रहस्य

प्रशासन द्वारा शुरू की गई खुदाई में बावड़ी का संरचना स्पष्ट रूप से सामने आ गई है। इसमें 12 कमरे और एक सुरंग भी शामिल है। माना जा रहा है कि यह सुरंग किसी और ऐतिहासिक स्थल से जुड़ी हो सकती है।

प्रशासन का बयान

जिला प्रशासन के मुताबिक, "यह खोज संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को प्रमाणित करती है। हम इस बावड़ी के संरक्षण और इसके रहस्यों को उजागर करने के लिए काम कर रहे हैं।"

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों में इस बावड़ी को लेकर उत्साह है। कई लोगों का मानना है कि यह संरचना क्षेत्र के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे सकती है।




संभल की पहचान बन रहे हैं सनातन के निशान

संभल में अब तक कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का खुलासा हुआ है। हाल ही में खोजे गए 6 मंदिर और 19 कूप भी सनातन धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं।

प्रशासन के साथ-साथ धार्मिक संगठनों और इतिहासकारों का मानना है कि संभल की यह विरासत न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखती है।




संभल में रोज उजागर हो रही ऐतिहासिक धरोहरें न केवल इस क्षेत्र की सांस्कृतिक संपदा को दिखाती हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि भारत के हर कोने में इतिहास के अनगिनत पन्ने छिपे हुए हैं। रानी की बावड़ी का खुलासा भी इसका जीता-जागता उदाहरण है।

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