उन्नाव में तैनात सिपाही का वीडियो और सुसाइड नोट वायरल, अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दी धमकी। जानें पूरी खबर।
उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में तैनात एक सिपाही का 6.24 मिनट का वीडियो और 9 पन्नों का सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले ने पुलिस विभाग में सनसनी फैला दी है। जौनपुर निवासी सिपाही ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए आत्महत्या की बात कही है। इसके साथ ही उसने दो आईपीएस अधिकारियों को गोली मारने की धमकी भी दी है।
वीडियो में क्या कहा सिपाही ने?
वीडियो में सिपाही ने अपना नाम अखिलेश यादव बताया और कहा कि उसकी पोस्टिंग उन्नाव जिले में है। उसने कहा, “जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना के कारण मैं आत्महत्या करने पर मजबूर हूं। मुझे फर्जी मामलों में फंसाकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। न्याय न मिलने की स्थिति में मैंने यह कठोर कदम उठाने का फैसला किया है।”
सुसाइड नोट में लगाए गए संगीन आरोप
सिपाही ने नौ पन्नों के सुसाइड नोट में 52 सवाल उठाए हैं। उसने बताया कि उसकी 2021 में एक महिला सिपाही से लव मैरिज हुई थी, लेकिन शादी के बाद रिश्ते बिगड़ने लगे। 2023 में उसकी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके लिए उसे जेल भी जाना पड़ा। उसने अधिकारियों पर मामले को दबाने और उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है।
'गोली मारने का फैसला किया', सिपाही का बड़ा बयान
वीडियो में सिपाही ने कहा, “मैंने जौनपुर के एसपी अजय पाल शर्मा और सोनभद्र के एसपी यशवीर सिंह को मारने का फैसला किया, लेकिन मेरी राइफल ड्यूटी हटा दी गई।” उसने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि उसके पास 172 पन्नों की एक रिपोर्ट है, जिसमें सभी तथ्यों का प्रमाण है।
कप्तान दीपक भूकर ने की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्नाव पुलिस कप्तान दीपक भूकर ने सिपाही को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मामले की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं। एसपी के पीआरओ जुल्फिकार अली ने बताया कि सिपाही की शिकायतों की जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
क्या है सिपाही की मांग?
सिपाही ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उसने कहा, “मेरे साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ न हो। मुझे न्याय चाहिए, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
इस वायरल वीडियो और सुसाइड नोट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। लोग पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और भेदभाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सिपाही के आरोपों ने विभाग की छवि पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सिपाही के द्वारा उठाए गए कदम और धमकी देना न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि यह कानूनी अपराध भी है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
आगे क्या?
फिलहाल, उन्नाव पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिपाही का बयान और सुसाइड नोट इस जांच का अहम हिस्सा बनेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में सच्चाई क्या है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।
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