UP में CM योगी का बड़ा एक्शन: नए साल से पहले कई आईपीएस अफसरों का तबादला, विवादित अधिकारी भी शामिल




CM योगी ने नए साल से पहले यूपी में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल किया। कई आईपीएस अफसरों का तबादला, विवादित अधिकारी भी सूची में शामिल।

CM योगी ने नए साल से पहले किया बड़ा फेरबदल

उत्तर प्रदेश में नए साल से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। एक दर्जन से ज्यादा पुलिस कप्तानों के तबादले किए गए हैं। खास बात यह है कि तबादले की इस सूची में वे अधिकारी भी शामिल हैं जो हाल के दिनों में विवादों में घिरे हुए थे।

प्रमुख आईपीएस अधिकारियों का तबादला

डॉ. अजय पाल शर्मा को जौनपुर से प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज बनाया गया है।

डॉ. कौस्तुभ को अंबेडकर नगर से पुलिस अधीक्षक जौनपुर की जिम्मेदारी दी गई।

केशव कुमार को लखनऊ पुलिस उपायुक्त से पुलिस अधीक्षक अंबेडकर नगर बनाया गया है।

अपर्णा रजत कौशिक को कासगंज से एसपी अमेठी पद पर नियुक्त किया गया है।

अंकिता शर्मा, जो कानपुर में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त थीं, उन्हें एसपी कासगंज बनाया गया है।


विवादित अधिकारी भी लिस्ट में शामिल

तबादले की सूची में प्राची सिंह, वृंदा शुक्ला, और अनूप सिंह जैसे अधिकारी भी शामिल हैं, जो अपने कार्यकाल के दौरान विवादों में रहे हैं। सिद्धार्थनगर में तैनात एसपी प्राची सिंह को पीएसी लखनऊ भेजा गया है। उनके खिलाफ विधायक विनय वर्मा लगातार धरने पर बैठे थे।

बहराइच हिंसा के बाद हटाई गई वृंदा शुक्ला

बहराइच हिंसा के दौरान वृंदा शुक्ला की भूमिका पर सवाल उठे थे। उन्हें महिला एवं बाल विकास सुरक्षा संगठन, लखनऊ भेज दिया गया है। उनके स्थान पर रामनारायण सिंह को बहराइच का एसपी बनाया गया है।

अनूप सिंह को पीएसी भेजा गया

अमेठी के एसपी अनूप सिंह, जो विधायक से विवाद के कारण चर्चा में थे, को पीएसी लखनऊ स्थानांतरित किया गया है।

कई अधिकारियों का प्रमोशन और नई जिम्मेदारियां

चिरंजीवी नाथ सिंह, जो बाराबंकी में अतिरिक्त एसपी थे, उन्हें पुलिस अधीक्षक हाथरस बनाया गया है।

अभिषेक महाजन को पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर नियुक्त किया गया है।

संकल्प शर्मा को देवरिया से डीसीपी लखनऊ बनाया गया है।

विक्रांत वीर को बलिया से देवरिया एसपी के पद पर नियुक्त किया गया है।


फेरबदल के मायने

इस बड़े फेरबदल को उत्तर प्रदेश सरकार की आगामी योजनाओं और कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। साथ ही, यह भी स्पष्ट संकेत है कि योगी सरकार विवादित अधिकारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने में पीछे नहीं हटेगी।

योगी सरकार के इस फैसले ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक कुशलता और पारदर्शिता सरकार की प्राथमिकता है। नए साल से पहले हुए इस बड़े फेरबदल से राज्य में पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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