यूपी विधानसभा सत्र से पहले बीजेपी की अहम बैठक, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कांग्रेस-सपा पर तंज कसा, पढ़ें पूरी खबर।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों व मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक लखनऊ के लोक भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति से निपटने और सरकार के एजेंडे को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र में विपक्ष को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर विपक्ष के पास कोई सवाल है तो सदन में उसे रखें, बाहर प्रदर्शन करने से जनता को कोई फायदा नहीं होगा।"
कांग्रेस और सपा पर तीखा हमला
डिप्टी सीएम मौर्य ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच महाभारत जैसा युद्ध चल रहा है। दोनों पार्टियां मुस्लिम वोट बैंक के लालच में एक-दूसरे को पीछे दिखाने की कोशिश कर रही हैं। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पहले ही बिखर चुका है।"
उन्होंने कांग्रेस के 18 दिसंबर को विधानसभा घेराव की योजना पर कहा कि घेराव करना उनका अधिकार है, लेकिन जिस मुद्दे को वे उठाना चाहते हैं, उस पर चर्चा सदन के अंदर होनी चाहिए।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं का मंथन
बैठक में डिप्टी सीएम केशव मौर्य के अलावा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और मंत्री परिषद के सभी वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। सभी नेताओं ने सत्र की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपने सुझाव दिए और विपक्ष की रणनीति का प्रभावी जवाब देने की योजना बनाई।
कांग्रेस का पलटवार
दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की घोषणा की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। कानून-व्यवस्था चरमरा गई है, बेरोजगारी बढ़ रही है, और महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए धार्मिक तुष्टिकरण की रणनीति अपना रही है।"
सिर्फ दो विधायकों के दम पर कांग्रेस का घेराव
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा में कांग्रेस के सिर्फ दो विधायक हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टी का विधानसभा घेराव कितना प्रभावशाली होगा, यह 18 दिसंबर को पता चलेगा।
सरकार की तैयारी पूरी
सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का जवाब देने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है। बीजेपी का मानना है कि विपक्ष के पास ठोस मुद्दों की कमी है और वे केवल सियासी स्टंटबाजी कर रहे हैं।
विधानसभा सत्र का एजेंडा
विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार की प्राथमिकता बजट प्रावधानों और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना है। इसके अलावा, सरकार अपने विकास कार्यों को सदन के माध्यम से जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेगी।
क्या कांग्रेस का घेराव असरदार होगा या बीजेपी की रणनीति भारी पड़ेगी? जानने के लिए पढ़ते रहें हमारी विस्तृत रिपोर्ट।
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