बसंत पंचमी 2025: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि | जानें संपूर्ण जानकारी


वसंत पंचमी 2025: जानें सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और इस दिन से जुड़ी खास परंपराएं। पढ़ें संपूर्ण जानकारी।


वसंत पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व | Saraswati Puja 2025

वसंत पंचमी कब है 2025 में? (Basant Panchami 2025 Date & Time)

इस साल वसंत पंचमी 2 फरवरी 2025, रविवार को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि 1 फरवरी 2025 को रात 9:44 बजे शुरू होगी और 2 फरवरी 2025 को शाम 7:22 बजे समाप्त होगी। इस दिन माँ सरस्वती की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 7:22 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक (5 घंटे 25 मिनट) रहेगा।

वसंत पंचमी का महत्व (Significance of Basant Panchami)

Basant Panchami 2025 को ज्ञान, कला और संगीत की देवी माँ सरस्वती के पूजन का विशेष दिन माना जाता है। यह वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है और इस दिन विद्यारंभ संस्कार (Aksar Lekhan) का विशेष महत्व होता है। इस दिन छोटे बच्चों को पहली बार लेखन कार्य शुरू कराया जाता है।

सरस्वती पूजा विधि (Saraswati Puja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान और पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि पीला रंग बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है।
  2. पूजा स्थल को स्वच्छ करें और माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें
  3. सरस्वती पूजन सामग्री: पीले फूल, हल्दी, अक्षत (चावल), धूप, दीप, नैवेद्य (मिठाई), वीणा या पुस्तकें।
  4. सरस्वती मंत्र का जाप करें: "या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
    या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
    या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
    सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥"
  5. सरस्वती माता को नैवेद्य अर्पित करें और आरती करें।
  6. बच्चों को पहला अक्षर लिखने की शुरुआत कराएं (Vidyarambh Sanskar)।

वसंत पंचमी पर क्या करें और क्या न करें?

करें:
✅ पीले वस्त्र पहनें और माँ सरस्वती की पूजा करें।
✅ इस दिन नए काम या शिक्षा की शुरुआत करें।
✅ वीणा, किताबें, कलम या संगीत वाद्ययंत्र का पूजन करें।

न करें:
🚫 काले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें।
🚫 पढ़ाई से जुड़ी वस्तुओं का अनादर न करें।
🚫 गलत शब्दों का प्रयोग और झगड़े से बचें।

वसंत पंचमी के विशेष रीति-रिवाज (Basant Panchami Rituals)

  • इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा कई स्थानों पर निभाई जाती है।
  • पीले रंग के पकवान जैसे केसर हलवा, पीले चावल, बेसन के लड्डू आदि बनाए जाते हैं।
  • शिक्षा से जुड़े संस्थानों में माँ सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है।
  • इस दिन शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों को करना शुभ माना जाता है।

वसंत पंचमी भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा के आरंभ का प्रतीक है। Saraswati Puja 2025 को सही विधि से करने से बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। इस दिन माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सही पूजा विधि अपनाना शुभ माना जाता है।

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