गुर्जर समाज की हुंकार: समान न्याय, समान अधिकार और सम्मान के लिए लक्सर महापंचायत की तैयारी तेज़


गुर्जर समाज के समान अधिकार और न्याय की मांग को लेकर लक्सर महापंचायत में जनसैलाब उमड़ेगा, समाज ने ऐतिहासिक हुंकार भरी।

नरेश सागर पत्रकार जिला संवाददाता मंडी धनौरा अमरोहा


अमरोहा (उप्र), 28 जनवरी।
गुर्जर समाज के समान अधिकार, न्याय और सम्मान की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सामाजिक संगठन "सबको समान न्याय, समान अधिकार तथा समान अवसर" की मांग को लेकर 29 जनवरी को उत्तराखंड के लक्सर में ऐतिहासिक महापंचायत करने जा रहे हैं।

इस संबंध में अमरोहा जिले के गजरौला में मंगलवार को आयोजित बैठक में महासभा के जिलाध्यक्ष मलखान सिंह ने समाज को संगठित होकर हुंकार भरने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमारा समाज हमेशा देश की रक्षा और सेवा के लिए खड़ा रहा है, लेकिन हमारे अधिकारों को हमेशा अनदेखा किया गया है। अब समय आ गया है कि हम अपने हक के लिए एकजुट हों।"

राजा लंढौरा प्रकरण से उपजा आक्रोश

बैठक में वक्ताओं ने उत्तराखंड सरकार और हरिद्वार जिला प्रशासन पर गुर्जर समाज के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया। पूर्व विधायक राजा लंढौरा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ हुए कथित अन्याय को लेकर गुर्जर समाज में आक्रोश है। वक्ताओं ने कहा कि समाज दोहरे रवैये को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा।

वक्ताओं ने सवाल उठाया कि एक ओर गुर्जर समाज के लोग देश की रक्षा और विकास में अहम योगदान देते हैं, तो दूसरी ओर समाज को बार-बार अपमानित किया जाता है।

29 जनवरी को लक्सर कूच

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 29 जनवरी को समाज के लोग लक्सर में जुटेंगे और महापंचायत में भाग लेंगे। इस महापंचायत में समाज अपनी मांगों को रखते हुए सरकार से न्याय की अपील करेगा।

गुर्जर समाज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गुर्जर समाज ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई है। मेरठ क्रांति के जनक धन सिंह कोतवाल हों या देश के सीमावर्ती इलाकों की रक्षा करने वाले गुर्जर जवान, यह समाज हमेशा आगे रहा है। वक्ताओं ने कहा, "हम साधारण किसान परिवार से आते हैं, लेकिन हमारा योगदान कभी कमतर नहीं रहा। अब समय आ गया है कि सरकार हमारे योगदान को माने और हमारे अधिकारों की रक्षा करे।"

राजनीतिक समर्थन की नई रणनीति

बैठक में यह भी तय किया गया कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेगा जो समाज को सम्मान देगा और उनके हितों की रक्षा करेगा।

मुख्य मांगें और मुद्दे

  1. गुर्जर समाज को समान अधिकार और न्याय मिलना चाहिए।
  2. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के मामले में निष्पक्ष जांच हो।
  3. समाज के हितों की अनदेखी बंद हो।
  4. सरकार गुर्जर समाज के लिए विशेष योजनाएं लाए।

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस बैठक में अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, सरदार पटेल विचार मंच के प्रांतीय संयोजक नरेंद्र कटारिया, शिक्षाविद यशपाल सिंह, प्रदेश महासचिव रामचंद्र गुर्जर, भाजपा नेता कैलाश गुर्जर और किसान नेता सुमित नागर सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

समाज की हुंकार और आगे का रास्ता

वक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सिर्फ एक शुरुआत है। गुर्जर समाज को अब और उपेक्षा सहन नहीं होगी। उन्होंने कहा कि महापंचायत के बाद भी आंदोलन जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।

आंदोलन की अहमियत

इस आंदोलन को सिर्फ गुर्जर समाज का ही नहीं, बल्कि हर उस समाज का समर्थन मिल रहा है जो समान अधिकार और न्याय के लिए संघर्षरत है।

महापंचायत से उम्मीदें

लक्सर में आयोजित महापंचायत गुर्जर समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इस महापंचायत में भाग लेने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी गुर्जर समाज के लोग जुटेंगे।

गुर्जर समाज का यह आंदोलन केवल एक समुदाय की आवाज नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और न्याय की लड़ाई है। लक्सर महापंचायत इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जो समाज को न केवल एकजुट करेगा, बल्कि सरकार को भी यह संदेश देगा कि अब समाज और उपेक्षा सहन नहीं करेगा।

"29 जनवरी को लक्सर में महापंचायत, गुर्जर समाज का आक्रोश और न्याय की लड़ाई अपने निर्णायक चरण में पहुंच रही है।"

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