हमीरपुर इस्पात कंपनी में बड़ा हादसा: भट्ठी में विस्फोट से 4 मजदूर गंभीर रूप से झुलसे, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप


हमीरपुर में इस्पात फैक्ट्री में भट्ठी में विस्फोट, 4 मजदूर गंभीर रूप से झुलसे। प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल, एक मजदूर कानपुर रेफर।


हमीरपुर में इस्पात फैक्ट्री में बड़ा हादसा, 4 मजदूर झुलसे

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सुमेरपुर स्थित रिमझिम इस्पात फैक्ट्री में एक बड़ा हादसा हुआ। फैक्ट्री में लोहा पिघलाने के दौरान भट्ठी में विस्फोट हो गया, जिससे 4 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें से एक मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे कानपुर रेफर किया गया है। अन्य तीन मजदूरों का इलाज फैक्ट्री के अस्पताल में जारी है।

कैसे हुआ हादसा?

यह हादसा उस समय हुआ, जब मजदूर लोहे के स्क्रैप को भट्ठी में पिघला रहे थे। इस भट्ठी में एक बार में 40 टन तक का स्क्रैप पिघलाया जा सकता है। हालांकि, इस बार स्क्रैप में कोई विस्फोटक पदार्थ होने की वजह से भट्ठी में तेज धमाका हुआ। विस्फोट के कारण लोहे का पिघला लावा दूर तक फैल गया और आसपास काम कर रहे मजदूर इसकी चपेट में आ गए।

मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल

यह कोई पहली बार नहीं है जब इस फैक्ट्री में ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी कई बार भट्ठियों में विस्फोट की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं। बावजूद इसके फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

हादसे के बाद मची अफरा-तफरी

घटना के बाद फैक्ट्री में भगदड़ मच गई। घायलों को तुरंत फैक्ट्री के अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक मजदूर की हालत गंभीर होने के कारण उसे कानपुर के अस्पताल में रेफर किया गया है। अन्य तीन मजदूरों का इलाज अभी फैक्ट्री में जारी है।

फैक्ट्री प्रबंधन की चुप्पी

हादसे के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे मजदूरों और उनके परिजनों में रोष है। स्थानीय मजदूर संगठन ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

भट्ठी का संचालन और उसमें इस्तेमाल होने वाला स्क्रैप

रिमझिम इस्पात फैक्ट्री में बड़ी-बड़ी भट्ठियों में लोहे का स्क्रैप पिघलाया जाता है। इन भट्ठियों में एक बार में 40 से 50 टन तक का स्क्रैप पिघलाया जा सकता है। भट्ठी में पिघलाने के लिए स्क्रैप को बाहर से मंगाया जाता है, लेकिन अक्सर स्क्रैप की जांच में लापरवाही की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्क्रैप की उचित जांच न होने के कारण उसमें विस्फोटक पदार्थ मौजूद हो सकते हैं, जो इस तरह के हादसों का कारण बनते हैं।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि घायलों का इलाज प्राथमिकता है। वहीं, सोशल मीडिया पर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी

इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा उनकी सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। भट्ठियों के पास काम करने के दौरान कोई सुरक्षा उपकरण या गियर उपलब्ध नहीं कराया जाता। मजदूरों ने इस मुद्दे पर कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

मजदूर संगठनों की प्रतिक्रिया

मजदूर संगठनों ने इस हादसे के लिए सीधे तौर पर फैक्ट्री प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। संगठनों का कहना है कि यदि मजदूरों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया होता तो ऐसे हादसे टाले जा सकते थे।

हादसे का असर

हादसे के बाद से फैक्ट्री में कामकाज ठप हो गया है। मजदूरों में भय का माहौल है और कई मजदूरों ने काम छोड़ने का मन बना लिया है।

यह हादसा न सिर्फ मजदूरों की सुरक्षा के प्रति फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि देश में औद्योगिक सुरक्षा मानकों का पालन कितनी अनदेखी के साथ किया जा रहा है। जरूरत है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।

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