कानपुर में पुलिस पिटाई से आहत ऑटो ड्राइवर ने मांगी थी इच्छामृत्यु, डीएम ने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाकर लौटाया सम्मान।
कानपुर, उत्तर प्रदेश – देशभर में गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति का जश्न मनाया गया, लेकिन कानपुर में इस बार एक खास घटना ने सबका ध्यान खींचा। यहां एक साधारण ऑटो ड्राइवर, राकेश सोनी, जिसे हाल ही में एक पुलिसकर्मी ने थप्पड़ मारा था, को जिला प्रशासन ने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्मानित किया।
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति का सम्मान लौटाने की बात नहीं है, बल्कि यह प्रशासन और जनता के बीच भरोसे को फिर से स्थापित करने का भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
पुलिसकर्मी द्वारा की गई पिटाई
कानपुर के ऑटो ड्राइवर राकेश सोनी ने बताया कि 30 दिसंबर को नौबस्ता इलाके में उनका ऑटो रोककर एक पुलिसकर्मी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। राकेश अपने ऑटो में सवारियां बिठा रहे थे, तभी ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उन्हें डंडे से मारा और उनका ऑटो क्षतिग्रस्त कर दिया।
राकेश ने पुलिसकर्मी से बार-बार माफी मांगी और अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला दिया, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद जब राकेश ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
इच्छामृत्यु की मांग
पुलिसकर्मी की धमकियों और अपमान से आहत राकेश ने अंततः जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पास पहुंचकर इच्छामृत्यु की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति पहले से खराब है, और पुलिस की इस तरह की धमकियों के बाद उनके लिए रोजी-रोटी कमाना मुश्किल हो गया है।
डीएम ने उनकी पूरी बात सुनी और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने न केवल दोषी पुलिसकर्मी पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए, बल्कि राकेश के अपमान का बदला सम्मान के रूप में लौटाने का फैसला लिया।
गणतंत्र दिवस पर मिला सम्मान
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर, ऑटो ड्राइवर राकेश को जिलाधिकारी ने खास मेहमान के रूप में आमंत्रित किया। राकेश कुर्ता-पजामा और लाल सदरी पहनकर समारोह में शामिल हुए। झंडा रोहण के समय उन्हें डीएम के बगल में बैठने का सम्मान मिला।
राकेश ने इस सम्मान के लिए डीएम को धन्यवाद देते हुए कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक साधारण ऑटो ड्राइवर को इतना बड़ा सम्मान मिलेगा।"
आमंत्रण ने बदला जीवन
गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले राकेश के घर जब जिला प्रशासन का आमंत्रण पत्र पहुंचा, तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। वह इसे अपने लिए बहुत बड़ा सम्मान मानते हैं।
राकेश ने बताया कि वह 28 सालों से ऑटो चला रहे हैं, और इस दौरान उन्होंने कई बार पुलिसकर्मियों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत की थी। लेकिन इस बार डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने उनकी बात सुनी और उन्हें न्याय दिलाया।
डीएम का बयान
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, "प्रशासन का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों का सम्मान बनाए रखे। राकेश सोनी के साथ जो हुआ, वह गलत था। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कानपुर में ऐसा दुर्व्यवहार दोबारा न हो।"
उन्होंने यह भी कहा कि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह घटना प्रशासन और जनता के बीच बेहतर संबंध बनाने का माध्यम बनेगी।
ऑटो ड्राइवरों की समस्याएं
कानपुर जैसे बड़े शहरों में ऑटो ड्राइवर अक्सर पुलिसकर्मियों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत करते हैं। राकेश का मामला उन हजारों ऑटो ड्राइवरों के लिए उम्मीद की किरण है, जो रोजी-रोटी कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राकेश ने कहा, "पुलिसकर्मी अक्सर छोटे बहाने बनाकर हमें परेशान करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस घटना के बाद पुलिस का रवैया बदलेगा।"
समाज के लिए संदेश
इस घटना ने न केवल प्रशासन और जनता के बीच विश्वास को मजबूत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि हर नागरिक का सम्मान महत्वपूर्ण है। राकेश की कहानी प्रेरणा देती है कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत और धैर्य से निकाला जा सकता है।
कानपुर का यह मामला प्रशासन और समाज के लिए एक मिसाल है। यह घटना न केवल राकेश के सम्मान की बहाली है, बल्कि यह साबित करती है कि न्याय और प्रशासनिक संवेदनशीलता से हर समस्या का समाधान संभव है।
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