महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी Laurene Powell ने गुरु कैलाशानंद गिरी से दीक्षा ली, मां काली का बीज मंत्र पाया, लेकिन अमृत स्नान अधूरा रह गया।
महाकुंभ, प्रयागराज। स्टीव जॉब्स की पत्नी और एप्पल की सहसंस्थापक लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में तीन दिन बिताए। सनातनी परंपरा को अपनाते हुए उन्होंने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से गुरु दीक्षा ली। दीक्षा के दौरान उन्हें मां काली का बीज मंत्र दिया गया। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से वह मकर संक्रांति पर अमृत स्नान में हिस्सा नहीं ले सकीं।
महाकुंभ का आध्यात्मिक सफर
लॉरेन पॉवेल, जिन्हें भारतीय सनातन परंपरा में अब कमला नाम दिया गया है, अपने सचिव पीटर के साथ महाकुंभ पहुंचीं। संगम किनारे उनके गुरु कैलाशानंद गिरी के शिविर में ठहराव के दौरान, उन्होंने सनातनी जीवनशैली और धर्म को गहराई से समझने का प्रयास किया। दीक्षा के बाद उन्होंने गुरु दक्षिणा अर्पित की, हालांकि इसकी जानकारी साझा नहीं की गई।
गुरु मंत्र और सनातन धर्म का अपनाना
कैलाशानंद गिरी ने बताया कि कमला को मां काली का बीज मंत्र दिया गया है। इस मंत्र के नियमित जाप से वह आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करेंगी। लॉरेन पॉवेल पहले से ही सनातन धर्म से प्रभावित थीं और दीक्षा लेकर इसे औपचारिक रूप से अपनाया।
अमृत स्नान की अधूरी ख्वाहिश
महाकुंभ के दौरान मकर संक्रांति पर होने वाले अमृत स्नान में हिस्सा लेने की उनकी प्रबल इच्छा थी, लेकिन अत्यधिक भीड़ और स्वास्थ्य कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। कैलाशानंद गिरी ने कहा कि यह उनके लिए एक अधूरी ख्वाहिश रह गई, लेकिन उनकी आध्यात्मिक यात्रा यहीं खत्म नहीं होती।
कमला की साधारणता और जिज्ञासा
महामंडलेश्वर ने बताया कि कमला बेहद सरल और जिज्ञासु हैं। उन्होंने सनातन धर्म और इसकी परंपराओं को लेकर कई सवाल पूछे। कैलाशानंद गिरी ने उनके सभी सवालों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा शांत की।
महाकुंभ में विदेशी आकर्षण
महाकुंभ के पवित्र आयोजन में विदेशी नागरिकों का आकर्षण हमेशा से रहा है, लेकिन लॉरेन पॉवेल का आना इसे और खास बनाता है। उनके सनातन धर्म में रुचि और दीक्षा लेने की घटना ने महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है।
विदा और आध्यात्मिक वादा
तीन दिन प्रवास के बाद, लॉरेन पॉवेल उर्फ कमला ने वतन वापसी की। विदाई के समय गुरु कैलाशानंद गिरी ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके आध्यात्मिक सफर में सफलता की कामना की।
महाकुंभ 2025 में स्टीव जॉब्स की पत्नी का यह आध्यात्मिक सफर महज एक यात्रा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के प्रति उनकी आस्था और समर्पण का प्रतीक है। हालांकि, अमृत स्नान की ख्वाहिश अधूरी रह गई, लेकिन गुरु मंत्र के साथ उनकी यह आध्यात्मिक यात्रा एक नए अध्याय की शुरुआत है।
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