महाकुंभ 2025: आईआईटी बाबा का छलका दर्द, क्यों कहा – “मुझे पॉपुलैरिटी नहीं चाहिए”?



महाकुंभ 2025 में आईआईटी बाबा का छलका दर्द, रोते हुए कहा, "मुझे पॉपुलैरिटी और टैग की जरूरत नहीं।" जानिए पूरी कहानी।


महाकुंभ 2025 में IIT बाबा का वीडियो वायरल

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरे भव्यता के साथ हो रहा है। इस धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु संगम स्नान और विभिन्न संतों के प्रवचनों का आनंद ले रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक विशेष बाबा की चर्चा जोरों पर है – अभय सिंह उर्फ आईआईटी बाबा। अपने विचारशील और ज्ञानवर्धक वीडियो के लिए लोकप्रिय आईआईटी बाबा एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी आंखों में आंसू और चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा है।

हाल ही में वायरल हुए वीडियो में आईआईटी बाबा, जो आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद सन्यास की ओर मुड़े, भावुक होकर अपनी तकलीफ बयां करते दिखे। वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे गालियों से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब कोई मेरे मकसद पर सवाल उठाता है, तो मुझे बेहद तकलीफ होती है। मुझे यह पॉपुलैरिटी और आईआईटी बाबा का टैग नहीं चाहिए।”


आईआईटी बाबा कौन हैं?

अभय सिंह, जिन्हें लोग आईआईटी बाबा के नाम से जानते हैं, इलाहाबाद (प्रयागराज) के मूल निवासी हैं। आईआईटी की प्रतिष्ठित डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सांसारिक जीवन छोड़कर आध्यात्म की राह पकड़ी। वह अपने ज्ञान, योग और जीवन के गहरे विचारों के कारण सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हो गए। लेकिन फेम और पहचान की इस चकाचौंध ने उनके जीवन में परेशानी भी ला दी है।


बाबा की तकलीफ क्यों बढ़ रही है?

हाल ही में वायरल हुए वीडियो में बाबा ने बताया कि फेमस होने के कारण उनका व्यक्तिगत जीवन काफी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा,
“पहले मैं प्रयागराज में अपने दोस्तों के साथ कहीं भी जाकर बैठकर बातें करता था। लेकिन अब मुझे लोगों की नजरों में रहना पड़ता है। मुझे वो सुकून चाहिए, जो मुझे पहले मिलता था।”

बाबा ने यह भी कहा कि उनका मकसद केवल साधारण जीवन जीना और आध्यात्मिकता का प्रसार करना था।
“लोग जब मेरे मकसद को लेकर सवाल उठाते हैं, तो मुझे दर्द होता है। मैं किसी से कुछ नहीं चाहता। मेरा उद्देश्य कभी पॉपुलैरिटी पाना नहीं था।”


IIT बाबा ने किया निजी जीवन का जिक्र

वीडियो में भावुक होकर आईआईटी बाबा ने अपनी बहन और परिवार के संघर्षों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी बहन गर्भावस्था के दौरान कई मुश्किलों का सामना कर रही थी। इसके अलावा, उन्होंने अपने माता-पिता के रिश्तों में आई खटास का भी उल्लेख किया। बाबा ने कहा,
“मुझे कोई नहीं जानता था, तब भी मैं रोता था। अब लोग जानते हैं, तो ये और कठिन हो गया है।”


महाकुंभ में सोशल मीडिया पर बाबा की बढ़ती चर्चा

महाकुंभ 2025 में जहां एक ओर श्रद्धालु आध्यात्मिक आनंद ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बाबा के वीडियो छाए हुए हैं। उनकी बातें, उनका दर्द और उनके विचार लाखों लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि, बाबा का कहना है कि उन्हें इस पहचान की जरूरत नहीं। उन्होंने अपने अनुयायियों से अपील की,
“मेरे साथ जुड़े रहो, लेकिन मुझे मेरी सादगी में जीने दो। मुझे किसी टैग की जरूरत नहीं।”


आईआईटी बाबा का संदेश – क्या है असली मकसद?

आईआईटी बाबा ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि वह आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा,
“मैं यहां दिखावा करने नहीं आया हूं। मैं केवल वही करना चाहता हूं, जो मुझे सही लगता है। मोह-माया से दूर रहना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है।”


क्या पॉपुलैरिटी बाबा के लिए बाधा है?

बाबा का मानना है कि उनके फेमस होने से लोग उनके असली मकसद को नहीं समझ पा रहे हैं। लोग उन्हें केवल एक टैग से पहचानते हैं, जबकि वह खुद को साधारण इंसान मानते हैं।
“आईआईटी का नाम जोड़ने से लोग मुझे अलग नजरिए से देखने लगे हैं। मैं यहां आईआईटी बाबा बनने नहीं आया था। मुझे सिर्फ शांति चाहिए।”


क्या बाबा सोशल मीडिया से दूर हो जाएंगे?

आईआईटी बाबा ने इस बात की भी संभावना जताई कि वह सोशल मीडिया से दूरी बना सकते हैं। हालांकि, यह फैसला उनके अनुयायियों को निराश कर सकता है। उनके फॉलोअर्स का मानना है कि बाबा के विचार और संदेश समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।

आईआईटी बाबा का महाकुंभ 2025 में छलका दर्द उनके अनुयायियों के लिए एक बड़ा संदेश है। यह वीडियो न केवल उनकी भावनाओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि फेम और पहचान कभी-कभी किसी के जीवन में कितनी कठिनाइयां ला सकती हैं। बाबा की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सादगी और शांति के बिना जीवन अधूरा है।

क्या बाबा की बातें समाज को नई दिशा दे सकती हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ