Mahakumbh 2025: IITian बाबा का रहस्यमयी लापता होना, जूना अखाड़े ने क्यों दिया आश्रम छोड़ने का आदेश?


महाकुंभ 2025 में IITian बाबा Abhay Singh का अचानक लापता होना बना रहस्य। जानें, जूना अखाड़े ने क्यों दिया आश्रम छोड़ने का आदेश।

महाकुंभ में IITian बाबा की लोकप्रियता

महाकुंभ 2025 इस बार कई कारणों से सुर्खियों में रहा, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रहे IITian बाबा अभय सिंह। आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर चुके अभय सिंह ने अध्यात्म का रास्ता चुना और अपनी आध्यात्मिक यात्रा से लाखों अनुयायियों को प्रेरित किया। कनाडा की शानदार नौकरी और आलीशान जीवन को त्याग कर सन्यासी बनने वाले अभय सिंह महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने रहे।

लेकिन, गुरुवार देर रात उनके अचानक लापता होने की खबर ने सभी को चौंका दिया।

जूना अखाड़े का आदेश और बाबा का लापता होना

सूत्रों के मुताबिक, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने खुद IITian बाबा को आश्रम छोड़ने का आदेश दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि बाबा के कई बयान जूना अखाड़े के सिद्धांतों के विपरीत थे।

जूना अखाड़े की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बाबा अभय सिंह की मानसिक स्थिति और व्यवहार के कारण यह निर्णय लिया गया। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि बाबा बहकी-बहकी बातें कर रहे थे और उनके विचार अखाड़े के अनुशासन से मेल नहीं खा रहे थे।

कहां हैं अब IITian बाबा?

बाबा के अचानक लापता होने से उनके अनुयायी और मीडिया के लोग परेशान हैं। गुरुवार रात तक उनके आश्रम में भक्तों की भीड़ थी, लेकिन शुक्रवार सुबह जब लोग उनसे मिलने पहुंचे, तो आश्रम खाली मिला। किसी को नहीं पता कि बाबा अब कहां हैं।

IITian बाबा का सफर: इंजीनियर से सन्यासी तक

IITian बाबा का असली नाम अभय सिंह है। उन्होंने IIT मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फोटोग्राफी में भी मास्टर्स किया। कनाडा में लाखों के पैकेज पर नौकरी करने के बाद उन्होंने अचानक सन्यास लेने का फैसला किया।

बाबा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि दुनियावी सुख उन्हें कभी संतुष्टि नहीं दे सके। अध्यात्म में उन्हें जीवन का असली अर्थ मिला। यही कारण है कि उन्होंने परिवार और करियर छोड़कर सन्यास का जीवन चुना।

महाकुंभ में क्यों बने चर्चा का विषय?

महाकुंभ 2025 में IITian बाबा ने अपनी अनोखी पृष्ठभूमि और व्यक्तित्व के कारण मीडिया और भक्तों का ध्यान खींचा। बाबा की आध्यात्मिक प्रवचन शैली और उनकी कहानी ने उन्हें महाकुंभ का सितारा बना दिया था।

लेकिन, उनके अचानक महाकुंभ छोड़कर जाने और जूना अखाड़े के आदेश ने उनकी लोकप्रियता को रहस्यमय मोड़ दे दिया है।

जूना अखाड़े का पक्ष

जूना अखाड़े ने बाबा के आश्रम छोड़ने के निर्णय पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। लेकिन, अखाड़े के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बाबा का व्यवहार पिछले कुछ दिनों से असामान्य था।

सोशल मीडिया पर चर्चा

IITian बाबा के लापता होने की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या बाबा ने स्वेच्छा से अखाड़ा छोड़ा या उन्हें मजबूर किया गया?

IITian बाबा अभय सिंह के महाकुंभ छोड़ने की घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या यह बाबा के आध्यात्मिक जीवन का एक नया मोड़ है, या इसके पीछे कोई और वजह है? महाकुंभ में उनकी रहस्यमयी अनुपस्थिति ने उनके अनुयायियों को चिंता में डाल दिया है।

उनकी कहानी ने जहां कई लोगों को प्रेरित किया, वहीं उनका अचानक गायब होना चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ