क्या ममता कुलकर्णी किन्नर हैं?’ महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनाने पर हुआ विवाद, किन्नर समाज ने SC में चुनौती देने की दी धमकी



ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर महाकुंभ में विवाद, किन्नर समाज ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की दी धमकी।

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला इस बार कई विवादों का केंद्र बना हुआ है। इस बार का महाकुंभ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े कई विवादों के कारण भी चर्चा में है। इनमें सबसे ताजा विवाद अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर है। इस कदम को लेकर साधु-संतों और किन्नर समाज में कड़ी प्रतिक्रिया हो रही है। इसके बाद महिला अखाड़े की किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना:

पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जिन्होंने 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाया था, अचानक किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर घोषित हो गईं। इस फैसले ने महाकुंभ में जैसे तहलका मचा दिया है। किन्नर समाज के अनुयायी और धर्माचार्य इस पर बेहद नाराज हैं, और इसे धार्मिक परंपराओं और सनातन धर्म का मजाक बनाने के रूप में देख रहे हैं।

स्वामी आनंद स्वरूप, जो शांभवी पीठ के पीठाधीश्वर हैं, ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, "ममता कुलकर्णी पर पहले से ही गंभीर आरोप हैं। ऐसे में बिना किसी जांच-पड़ताल के और बिना परंपरा का पालन किए उन्हें महामंडलेश्वर बनाना सनातन धर्म का अपमान है।"

किन्नर समाज का विरोध:

महिला किन्नर अखाड़े की प्रमुख, किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने भी इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़ा केवल किन्नर समाज के लिए है, और गैर-किन्नर को इस पद पर बिठाना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। उनका कहना था कि अगर ममता कुलकर्णी किन्नर नहीं हैं, तो उन्हें किन्नर अखाड़े का हिस्सा कैसे बनाया जा सकता है?

हिमांगी सखी ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि "किन्नर अखाड़ा तो विशेष रूप से किन्नर समुदाय के लिए बना था, और ऐसे में एक गैर-किन्नर व्यक्ति को किन्नर महामंडलेश्वर बनाना न केवल किन्नर समाज के लिए, बल्कि सनातन धर्म की भावनाओं के लिए भी एक बड़ा आघात है।"

क्या ममता कुलकर्णी किन्नर हैं?

इस सवाल ने अब तक कई लोगों को हैरान कर दिया है। किन्नर समाज और उनके समर्थक यह सवाल उठा रहे हैं कि ममता कुलकर्णी को किन्नर महामंडलेश्वर बनाए जाने के लिए क्या उनका पूर्ण मुंडन और पिंडदान किया गया था? किन्नर समुदाय का कहना है कि अगर ममता ने इन धार्मिक अनुष्ठानों का पालन नहीं किया है, तो उन्हें यह पद कैसे दिया जा सकता है?

किन्नर समाज ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ममता कुलकर्णी का नाम इस पद के लिए योग्य है, खासकर जब उनके बारे में कई तरह की विवादास्पद रिपोर्ट्स आ चुकी हैं।

धर्मगुरुओं की नाराजगी:

इस मामले में धर्मगुरु भी चुप नहीं हैं। उन्होंने इस फैसले पर तीव्र आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ऐसे फैसले सनातन धर्म की परंपराओं और आस्थाओं से खिलवाड़ करते हैं। उनका कहना है कि बिना किसी सही प्रक्रिया का पालन किए किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार के उच्च पद पर नियुक्त करना गलत है और इससे धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा, "हमारे धार्मिक परंपराओं में कड़ी प्रक्रिया होती है और यह हम सबको माननी चाहिए। ममता कुलकर्णी का नाम एक विवादास्पद हस्ती के रूप में लिया गया है, और उन्हें इस पद पर बैठाना सनातन धर्म के साथ अन्याय होगा।"

किन्नर अखाड़े की स्थिति:

किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी सवाल उठाए गए हैं। समाज के कुछ हिस्सों का मानना है कि यह कदम किन्नर समाज के लिए नहीं, बल्कि कुछ और ही उद्देश्य से उठाया गया है। ऐसे में किन्नर समाज में आक्रोश की लहर है, और वे इस फैसले को लेकर आंतरिक असंतोष जाहिर कर रहे हैं।

हिमांगी सखी का बयान:

महिला अखाड़े की प्रमुख हिमांगी सखी ने कहा कि इस फैसले से किन्नर समाज की आस्थाओं को गहरी चोट पहुंची है। उन्होंने किन्नर अखाड़े के आचार्य से यह सवाल किया कि अगर ममता कुलकर्णी किन्नर नहीं हैं, तो उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का क्या तर्क हो सकता है?

इसके अलावा, हिमांगी सखी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किन्नर समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन न हो।

अंततः क्या होगा?

ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने का मामला अभी कोर्ट में जा सकता है। किन्नर समाज और धर्माचार्यों के बीच विवाद जारी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या निर्णय देता है। क्या किन्नर समाज की भावनाओं को न्याय मिलेगा, या फिर यह मामला समय के साथ दब जाएगा?

महाकुंभ के इस विवाद ने एक बार फिर धार्मिक परंपराओं और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच खींचतान को उजागर किया है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं, और तब तक यह सवाल अनुत्तरित रहेगा कि क्या ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने के योग्य हैं?

ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने पर महाकुंभ में विवाद खड़ा हो गया है। किन्नर समाज और धर्माचार्यों ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की धमकी दी है।

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