बच्चों ने विधायक को दीदी कहकर जताया प्यार, डॉ. रागिनी सोनकर की पहल ने बदल दी बनवासी बस्ती की तस्वीर



विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने जौनपुर की बनवासी बस्ती में बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाने की प्रेरणादायक पहल की। पढ़ें पूरी खबर।

इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट



बच्चों ने विधायक को रागिनी दीदी कहकर जताया अपनापन
जौनपुर के मीरगंज क्षेत्र में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने हर किसी के दिल को छू लिया। मछलीशहर विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने गुरुवार को भटहर गांव की बनवासी बस्ती में पहुंचकर बच्चों और महिलाओं के साथ समय बिताया। उन्होंने न सिर्फ इन बच्चों को नहलाया और नए कपड़े पहनाए, बल्कि उन्हें शिक्षा और आत्मनिर्भरता का संदेश भी दिया।

बस्ती में विधायक का पहुंचना बना बदलाव का प्रतीक
भटहर गांव की यह बनवासी बस्ती हमेशा से मुख्यधारा से दूर रही है। यहां के बच्चों को शिक्षा और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉ. रागिनी सोनकर ने इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए महिला सशक्तिकरण और शिक्षा का एक अनोखा अभियान चलाया।

कार्यक्रम में उन्होंने 100 से अधिक बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित किया। बच्चों को नहलाकर उन्हें नए कपड़े पहनाए और शैक्षणिक सामग्री जैसे स्कूल बैग, किताबें, पेंसिल और चप्पलें वितरित की गईं।

महिलाओं को किया प्रेरित, परिवार को नशा मुक्त बनाने की पहल
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सोनकर ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा, "महिलाएं परिवार की रीढ़ होती हैं। यदि महिलाएं अपने अधिकारों को समझेंगी और परिवार को नशा मुक्त करेंगी, तो बच्चों का भविष्य बेहतर बनेगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है। महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आपके छोटे-छोटे प्रयास समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं। बच्चों की शिक्षा और परिवार की खुशहाली में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।"

बच्चों के साथ पाठशाला लगाई, सिखाई अंग्रेजी
डॉ. रागिनी सोनकर ने न केवल बच्चों को शिक्षित करने का संदेश दिया, बल्कि खुद उनके साथ बैठकर उन्हें अंग्रेजी पढ़ाई। बच्चों को छोटे-छोटे अंग्रेजी शब्द सिखाने के बाद उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।

"मेरी विधायकी जन सेवा को समर्पित है"
डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा, "मेरी विधायकी का उद्देश्य सिर्फ विकास कार्य नहीं, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना है। मैं एक डॉक्टर हूं और मेरी प्राथमिकता हमेशा जन सेवा रही है। राजनीति को मैंने इसी उद्देश्य से अपनाया है।"

बनवासी बस्ती में दिखा बदलाव का असर
इस कार्यक्रम से बस्ती के लोगों में नई ऊर्जा का संचार हुआ। महिलाओं ने पहली बार अपने अधिकारों के बारे में खुलकर चर्चा की और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई।

डॉ. सोनकर के इस प्रयास ने यह साबित किया कि अगर समाज का हर वर्ग अपने स्तर पर प्रयास करे, तो बदलाव लाया जा सकता है। उनकी इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों ने भी उनकी सराहना की।

सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रेरणादायक पहल
यह कार्यक्रम एक बार फिर यह संदेश देता है कि संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ किए गए छोटे-छोटे प्रयास समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं। डॉ. रागिनी सोनकर का यह कदम जौनपुर के अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

डॉ. रागिनी सोनकर का यह अभियान न केवल सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि अगर राजनीतिक नेता व्यक्तिगत रूप से सामाजिक मुद्दों में शामिल हों, तो बदलाव अवश्य संभव है।

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