रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और हिमाचल के राज्यपाल ने विवाह समारोह में शिरकत कर कन्या को आशीर्वाद दिया, सुरक्षा व्यवस्था रही सख्त।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
रक्षामंत्री और हिमाचल के राज्यपाल पहुंचे विवाह समारोह, सुरक्षा रही चाक-चौबंद
गार्ड ऑफ ऑनर और स्वागत समारोह
दोपहर 12:22 बजे रक्षामंत्री का हेलीकॉप्टर गांव में उतरा। यहां पहुंचते ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई। इसके बाद रक्षामंत्री ने भाजपा नेताओं और कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के साथ शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और वरिष्ठ नेता जगत नारायण दुबे से दस मिनट तक विशेष वार्ता की।
कन्या को आशीर्वाद और पारिवारिक संवाद
रक्षामंत्री और राज्यपाल ने घर के भीतर जाकर कन्या पलक दुबे को सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया। इस दौरान उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों से बातचीत की और कार्यक्रम की सराहना की। रक्षामंत्री ने दुबे परिवार के मुखिया और फौजदार इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश दुबे से वर पक्ष के बारे में जानकारी ली।
पारंपरिक व्यंजनों का आनंद
भोज के दौरान रक्षामंत्री ने निमोना चावल और प्रसिद्ध बेनी राम की इमरती का स्वाद चखा। कार्यक्रम में पारंपरिक भोज की विशेष व्यवस्था की गई थी, जो मेहमानों को बेहद पसंद आया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कार्यक्रम में सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई थी। हेलीकॉप्टर लैंडिंग स्थल से कार्यक्रम स्थल तक करीब एक किलोमीटर की सड़क पर बैरिकेडिंग की गई थी। जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने सुरक्षा प्रबंधों की निगरानी की। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल के साथ विशेष सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
भाजपा नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में भाजपा के जौनपुर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, मछलीशहर जिलाध्यक्ष रामविलास पाल, मंडल अध्यक्ष हरि ओम गुप्ता, पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष संतोष जायसवाल, शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित कुमार सिंह, मंगला मिश्र और हजारों लोग उपस्थित थे।
सामाजिक और राजनैतिक संदेश
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भव्य बना दिया। इससे यह संदेश गया कि शीर्ष राजनेता सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को प्राथमिकता देते हैं।
रक्षामंत्री और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की इस भव्य उपस्थिति ने दुबे परिवार के वैवाहिक कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। यह आयोजन पारिवारिक और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बन गया, जहां सुरक्षा और मेहमाननवाजी दोनों का समुचित ध्यान रखा गया।
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