वृंदावन में न्यू ईयर पर लाखों श्रद्धालु राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबे, परिक्रमा मार्ग और मंदिरों में भव्य सजावट के बीच उत्सव मनाया।
वृंदावन में भक्तों का सैलाब
31 दिसंबर की रात से ही वृंदावन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बांके बिहारी और राधारानी के दर्शन के लिए यहां पहुंचे। मंदिरों के प्रांगण में भजन-कीर्तन और आरती की ध्वनि ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।
परिक्रमा मार्ग की भव्य सजावट
नए साल के स्वागत के लिए वृंदावन का परिक्रमा मार्ग दीपों से सजा था। रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों की सजावट ने परिक्रमा मार्ग को अद्भुत रूप दिया। श्रद्धालु रातभर भजन-कीर्तन में मग्न रहे। मंदिरों में राधा-कृष्ण की झांकियां सजाई गईं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान कर रही थीं।
प्रेमानंद महाराज के प्रवचन और दर्शन
भक्तों ने प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों का लाभ उठाया। उनके भजन और प्रवचनों ने भक्तों को राधा-कृष्ण की भक्ति में और गहराई से जोड़ दिया। दर्शन के लिए लंबी कतारें लगीं, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ।
बरसाना में भी उमड़ा भक्तों का सैलाब
बरसाना में राधारानी मंदिर तक जाने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए। दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारों के बीच प्रशासन ने वन वे व्यवस्था लागू की। हालांकि, भीड़ के कारण कई जगहों पर यातायात बाधित रहा।
प्रशासन की तैयारी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। परिक्रमा मार्ग पर पुलिस और स्वयंसेवकों को तैनात किया गया था। इसके बावजूद, भारी भीड़ के कारण कई स्थानों पर अव्यवस्था देखने को मिली।
अध्यात्म और भक्ति का माहौल
नए साल के जश्न में वृंदावन और बरसाना का हर कोना भक्ति रस में सराबोर था। श्रद्धालु न केवल मंदिरों में दर्शन के लिए आए, बल्कि भजन-कीर्तन और आरती में भी भाग लिया।
वृंदावन और बरसाना में नए साल का यह उत्सव राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबा हुआ था। भव्य सजावट, भजन-कीर्तन और भक्तों के उत्साह ने इस अवसर को और खास बना दिया। हालांकि, भीड़ और यातायात अव्यवस्था ने कुछ कठिनाइयां भी पैदा कीं।
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