केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एयर इंडिया की उड़ान में टूटी सीट मिली, उन्होंने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई और एयरलाइन से कड़े सवाल किए। जानिए पूरा मामला।
नई दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को जो असुविधा झेलनी पड़ी, उसने एक बार फिर एयरलाइन की सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टूटी और धंसी हुई सीट पर सफर करने को मजबूर हुए शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को केवल अपनी तकलीफ तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सार्वजनिक रूप से उठाया ताकि आगे किसी यात्री को इस तरह की परेशानी न हो। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चौहान ने एयर इंडिया की सेवाओं पर गंभीर सवाल उठाए और पूछा कि क्या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाया जाता रहेगा?
शिवराज सिंह चौहान ने क्यों किया एयर इंडिया की सेवाओं पर सवाल?
शिवराज सिंह चौहान शनिवार को भोपाल से दिल्ली की यात्रा कर रहे थे, जहां उन्हें एयर इंडिया की खराब सीटिंग व्यवस्था का सामना करना पड़ा। उन्होंने फ्लाइट में ही टूटी सीट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। उनके इस पोस्ट के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने तुरंत एयर इंडिया के अधिकारियों से बातचीत की और DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को मामले की जांच के निर्देश दिए।
एयर इंडिया ने मांगी माफी, जांच के आदेश
शिवराज सिंह चौहान की पोस्ट के वायरल होते ही एयर इंडिया ने आधिकारिक बयान जारी कर माफी मांगी और कहा कि वह मामले की गहन जांच कर रही है। एयरलाइन ने स्वीकार किया कि यह घटना उसकी सेवा मानकों के अनुरूप नहीं है और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हालांकि, सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कई लोगों ने मंत्री की साफगोई और यात्रियों के हक में आवाज उठाने के फैसले की सराहना की, वहीं विपक्ष ने इसे राजनीतिक नौटंकी बताते हुए सवाल खड़े किए। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि आम यात्रियों को ऐसी समस्याओं का सामना करने पर शायद ही कभी एयरलाइन इतनी जल्दी प्रतिक्रिया देती है, लेकिन जब किसी राजनीतिक हस्ती को यह असुविधा हुई, तो तुरंत संज्ञान लिया गया।
एयर इंडिया की सेवाओं पर क्यों उठते हैं लगातार सवाल?
एयर इंडिया के निजीकरण के बाद उम्मीद थी कि उसकी सेवाओं में सुधार आएगा, लेकिन हाल के दिनों में यात्रियों की शिकायतों में बढ़ोतरी देखी गई है। सीटों की खराब स्थिति, देरी से उड़ानें, और कस्टमर सपोर्ट की लापरवाही जैसे मुद्दे अभी भी यात्रियों की परेशानी का कारण बने हुए हैं।
शिवराज सिंह चौहान का यह मामला सिर्फ एक उदाहरण है, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि अगर एक केंद्रीय मंत्री को इस तरह की समस्या हो सकती है, तो आम यात्रियों को किन हालातों का सामना करना पड़ता होगा? सवाल यह उठता है कि क्या एयर इंडिया केवल बड़ी हस्तियों की शिकायतों पर ही ध्यान देगी या अपनी सेवाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएगी?
अब आगे क्या?
अब जब मामला सरकार तक पहुंच चुका है और DGCA भी इसकी जांच में जुट गई है, देखना होगा कि एयर इंडिया इस पर क्या कार्रवाई करती है। क्या यह केवल एक फॉर्मल माफी बनकर रह जाएगी, या यात्रियों की सुविधा के लिए वास्तविक सुधार किए जाएंगे?
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संतुष्टि अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। एयर इंडिया को अब यह तय करना होगा कि वह केवल मीडिया में सफाई देने वाली एयरलाइन बनी रहना चाहती है या वास्तव में अपनी सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में काम करेगी।
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