अमेठी में 80 वर्षीय बुजुर्ग ने गले में तख्ती डाल SDM कार्यालय में जमीन बचाने की गुहार लगाई, दबंगों पर फर्जी कागजों से कब्जे का आरोप।
अमेठी के मल्हेपुर गांव में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग राम जियावन की दर्दभरी कहानी ने पूरे जिले का ध्यान खींचा है। मेहनत-मजदूरी करके अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदने वाले राम जियावन की पत्नी चंद्रावती का निधन 24 नवंबर 2023 को हो गया। उनके निधन के बाद राम जियावन की जमीन पर गांव के दबंगों ने फर्जी कागजात बनवाकर कब्जा कर लिया। न्याय पाने के लिए सालों से अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं मिला, तो राम जियावन ने अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने गले में "साहब मेरी जमीन बचा लीजिए" लिखी तख्ती डालकर SDM कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
फर्जी कागजात बनवाकर कब्जा
राम जियावन की पत्नी चंद्रावती के नाम पर खरीदी गई जमीन उनकी मृत्यु के बाद खुद राम जियावन के नाम होनी चाहिए थी। लेकिन गांव के ही कुछ दबंगों ने अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात तैयार कर जमीन को अपने नाम करा लिया। राम जियावन का कहना है कि उनके कोई संतान नहीं है, और यह जमीन उनके जीवनभर की मेहनत का परिणाम है।
जब राम जियावन अपनी पत्नी के नाम की जमीन को अपने नाम कराने तहसील कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि जमीन अब किसी और के नाम हो चुकी है। यह सुनकर राम जियावन के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने कई बार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया।
गले में तख्ती डालकर प्रदर्शन
न्याय न मिलने से हताश राम जियावन ने एक अनोखा कदम उठाया। उन्होंने गले में "साहब मेरी जमीन बचा लीजिए" लिखी तख्ती डालकर SDM कार्यालय में प्रदर्शन किया। उनका यह प्रदर्शन स्थानीय लोगों और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा। राम जियावन का कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई से यह जमीन खरीदी थी, लेकिन अब दबंगों ने इसे हड़प लिया है।
परिवार का समर्थन
राम जियावन के रिश्तेदार शीतला प्रसाद यादव ने कहा कि यह साफ तौर पर अन्याय है। राम जियावन की कोई संतान नहीं है, और उनकी पत्नी की मौत के बाद यह जमीन राम जियावन के नाम होनी चाहिए थी। लेकिन गांव के दबंगों ने अधिकारियों की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन अपने नाम करा ली। शीतला प्रसाद ने कहा कि वे कई सालों से तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न्याय अब तक नहीं मिला।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर तहसीलदार हरेंद्र यादव का कहना है कि उनके पास इस संबंध में अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि यदि शिकायत दर्ज की जाती है, तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की उम्मीद
राम जियावन जैसे लोग, जिन्होंने अपना पूरा जीवन ईमानदारी और मेहनत में बिताया, अब न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह घटना न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में कमजोर और वंचित वर्गों के प्रति हमारी संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाती है। राम जियावन को उम्मीद है कि उनके प्रदर्शन से उनके मामले में न्याय मिलेगा और उनकी जमीन उन्हें वापस मिल सकेगी।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि कैसे गांव के दबंग और भ्रष्टाचार पीड़ितों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। जरूरत है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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