Bareilly Pickup Accident: सड़कों पर बिखरे पशुओं के कटे हुए पैर, हिंदू संगठनों में आक्रोश, पुलिस जांच में जुटी
बरेली में पिकअप और बस की टक्कर के बाद सड़क पर हजारों पशुओं के कटे हुए पैर बिखर गए, जिससे सनसनी फैल गई। पुलिस जांच में जुटी, हिंदू संगठनों में आक्रोश।
संवाददाता शानू की रिपोर्ट
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब एक पिकअप वाहन और बस की जोरदार भिड़ंत के बाद सड़क पर हजारों की संख्या में पशुओं के कटे हुए पैर बिखर गए। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और हिंदू संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा प्रकोष्ठ ने इस घटना पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धनेटा फाटक के पास एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन सामने से आ रही बस से टकरा गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि पिकअप का पिछला हिस्सा खुल गया और उसमें भरे पशुओं के अवशेष सड़क पर बिखर गए। इस नजारे को देखकर मौके पर मौजूद लोग दंग रह गए और कुछ ही देर में वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। हिंदू संगठनों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे भी विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गए।
हिंदू संगठनों में आक्रोश, पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
घटनास्थल पर पहुंचे विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महिपाल गुर्जर ने आरोप लगाया कि यह पशु तस्करी और अवैध स्लॉटर हाउस से जुड़ा मामला हो सकता है। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त पिकअप वाहन (UP25ET8661) में बड़ी संख्या में गोवंश और भैंस के कटे हुए पैर भरे हुए थे। उन्होंने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और यह भी कहा कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाए।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में पशुओं के पैर किसी बड़े मीट सप्लायर के लिए ले जाए जा रहे थे। सर्दियों के मौसम में मीट इंडस्ट्री में कटे हुए पैरों की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत भी अधिक हो जाती है। आशंका जताई जा रही है कि इन कटे हुए पैरों को विभिन्न मीट दुकानों और होटल इंडस्ट्री में सप्लाई किया जाना था, लेकिन दुर्घटना के चलते पूरा मामला खुल गया।
पुलिस ने शुरू की जांच, वाहन मालिक की तलाश जारी
फतेहगंज पश्चिमी थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कर रही है। दुर्घटनाग्रस्त पिकअप के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर वाहन मालिक की पहचान की जा रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस वाहन में लदे हुए अवशेष कहां से लाए गए थे और इन्हें कहां पहुंचाया जाना था।
प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और आसपास के इलाकों में अवैध स्लॉटर हाउस को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ऐसे मामलों को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाएगी।
क्या है इस मामले का बड़ा संकेत?
यह घटना पशु तस्करी और मीट इंडस्ट्री में चल रही अवैध गतिविधियों की ओर इशारा कर रही है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि सरकार की सख्ती के बावजूद अवैध स्लॉटर हाउस चोरी-छिपे अपना धंधा चला रहे हैं और प्रतिबंधित मांस को सप्लाई कर रहे हैं।
इस मामले के उजागर होने के बाद लोगों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। पुलिस की जांच जारी है और अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं।
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