नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: प्रशासन की लापरवाही से गई 18 लोगों की जान, देखें मृतकों की सूची


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत, प्रशासन की लापरवाही उजागर। जानें पूरी घटना और मृतकों की सूची।

NewDelhi Railway Station Stampede News: 18 Dead in Tragic Incident | मृतकों के नाम और पूरी जानकारी

नई दिल्ली: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें 14 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। हादसा तब हुआ जब प्रयागराज महाकुंभ मेले के लिए यात्री भारी संख्या में स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे। भीड़ पर नियंत्रण ना होने और अव्यवस्था के कारण धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। रेलवे प्रशासन की घोर लापरवाही इस घटना के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है।

कैसे हुआ हादसा? भीड़ और अव्यवस्था बनी मौत की वजह

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार दोपहर से ही प्लेटफार्म पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों की भारी भीड़ थी। जब ट्रेन देर से आने लगी, तब प्लेटफार्म पर दबाव बढ़ने लगा। अचानक एक अफवाह फैली कि ट्रेन आने वाली है, जिससे लोग आगे बढ़ने लगे और धक्का-मुक्की में कई लोग गिर पड़े। कुछ ही पलों में यह भगदड़ का रूप ले लिया और 18 लोगों की जान चली गई

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में मारे गए लोगों की सूची

घटना में दिल्ली, बिहार और हरियाणा के यात्रियों की मौत हुई है। प्रशासन ने मृतकों की सूची जारी कर दी है:

  1. आहा देवी (79 वर्ष) – बक्सर, बिहार
  2. शांति देवी (40 वर्ष) – नवादा, बिहार
  3. नीरज (12 वर्ष) – वैशाली, बिहार
  4. ललिता देवी (35 वर्ष) – पटना, बिहार
  5. पूजा कुमारी (8 वर्ष) – नवादा, बिहार
  6. शीला देवी (50 वर्ष) – सरिता विहार, दिल्ली
  7. पिंकी देवी (41 वर्ष) – संगम विहार, दिल्ली
  8. संगीता मलिक (34 वर्ष) – भिवानी, हरियाणा
  9. व्योम (25 वर्ष) – बवाना, दिल्ली
  10. सुरुचि (11 वर्ष) – मुजफ्फरपुर, बिहार
  11. पूनम (34 वर्ष) – महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
  12. पूनम देवी (40 वर्ष) – सारण, बिहार
  13. ममता झा (40 वर्ष) – नांगलोई, दिल्ली
  14. रिया सिंह (7 वर्ष) – सागरपुर, दिल्ली
  15. कृष्णा देवी (40 वर्ष) – समस्तीपुर, बिहार
  16. बेबी कुमारी (24 वर्ष) – बिजवासन, दिल्ली
  17. मनोज (47 वर्ष) – नांगलोई, दिल्ली
  18. विजय साह (15 वर्ष) – समस्तीपुर, बिहार

घायलों का हाल, कई गंभीर रूप से घायल

घटना के बाद रेलवे पुलिस और स्टेशन स्टाफ ने बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

रेलवे प्रशासन की घोर लापरवाही, उठ रहे सवाल

इस हादसे ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।

  • स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी।
  • प्लेटफार्म पर अनाउंसमेंट में देरी और गलत सूचना से अफरा-तफरी मच गई।
  • स्टेशन पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम थी।

पीड़ित परिवारों की गुहार, कौन देगा न्याय?

मृतकों के परिजनों ने सरकार से मुआवजे और न्याय की मांग की है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर शोक व्यक्त किया है।

रेलवे की बड़ी चूक, ऐसे हादसों से कैसे बचा जाए?

  • भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे को अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने चाहिए।
  • ट्रेनों की सही समय पर आवाजाही सुनिश्चित करनी होगी।
  • प्लेटफार्म पर इमरजेंसी एक्जिट और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना होगा।

कब सुधरेगा रेलवे प्रशासन?

यह हादसा रेलवे प्रशासन की अव्यवस्था और लापरवाही का नतीजा है। यदि समय रहते भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के इंतजाम किए गए होते, तो 18 निर्दोष यात्रियों की जान नहीं जाती। सरकार को इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे

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