महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रयागराज संगम स्टेशन बंद। अब सभी ट्रेनें प्रयाग स्टेशन से संचालित होंगी।
महाकुंभ 2025 के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के चलते रेलवे ने प्रयागराज संगम स्टेशन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। इससे पहले दारागंज स्टेशन को बंद किया गया था। रेलवे ने घोषणा की है कि अब सभी ट्रेनें केवल प्रयागराज जंक्शन से संचालित होंगी।
माघी पूर्णिमा के स्नान के लिए उमड़ी भीड़
माघी पूर्णिमा के स्नान को लेकर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मौनी अमावस्या के बाद से ही प्रयागराज शहर में यातायात और रेलवे संचालन पर भारी दबाव देखने को मिला है। मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटनाओं के बाद रेलवे ने निर्णय लिया कि स्थिति को संभालने के लिए स्टेशन को बंद करना आवश्यक है।
माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को है, लेकिन इसके लिए दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है। हजारों लोग शहर के विभिन्न क्षेत्रों और गंगा, यमुना तथा सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिए आ रहे हैं। इसके चलते रेलवे ने प्रयागराज संगम स्टेशन से चलने वाली और यहां रुकने वाली ट्रेनों को डायवर्ट करने का फैसला किया है।
प्रयागराज संगम स्टेशन की जगह अब प्रयाग स्टेशन
रेलवे ने बताया है कि स्थिति सामान्य होने तक सभी ट्रेनों का संचालन प्रयागराज जंक्शन और प्रयाग स्टेशन से किया जाएगा। 10 फरवरी से चलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनें, जैसे मनवर संगम एक्सप्रेस, सरयू एक्सप्रेस और मेमू ट्रेनों को भी संगम स्टेशन के बजाय प्रयाग स्टेशन पर रोका जाएगा।
रेलवे की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार:
- 14232 बस्ती-प्रयागराज संगम मनवर संगम एक्सप्रेस अब प्रयाग स्टेशन पहुंचेगी।
- 14234 मनकापुर-प्रयागराज संगम सरयू एक्सप्रेस को भी प्रयाग स्टेशन के लिए डायवर्ट किया गया है।
- 65117 गाजीपुर सिटी-प्रयागराज संगम मेमू ट्रेन अब संगम स्टेशन पर न रुककर प्रयाग स्टेशन पर खड़ी होगी।
महाकुंभ के लिए विशेष व्यवस्थाएं
महाकुंभ के दौरान उमड़ रही भीड़ को देखते हुए रेलवे ने सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से ये कदम उठाए हैं। इससे पहले, दारागंज स्टेशन को भी बंद किया गया था। रेलवे का मानना है कि संगम स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था, जिसके चलते श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
प्रयागराज शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी महाकुंभ के दौरान भारी दबाव में है। महाकुंभ में लगातार बढ़ रही भीड़ के कारण कई सड़क मार्ग भी प्रभावित हो रहे हैं। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे प्रयागराज जंक्शन और प्रयाग स्टेशन का इस्तेमाल करें।
रेलवे का बड़ा कदम: श्रद्धालुओं के लिए राहत या असुविधा?
रेलवे का यह फैसला निश्चित रूप से महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इसका असर यात्रियों की यात्रा पर भी पड़ रहा है। विशेष रूप से उन यात्रियों को परेशानी हो सकती है, जिनकी ट्रेनें संगम स्टेशन तक जाती थीं। अब इन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करना होगा।
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में इस तरह के प्रबंधन जरूरी हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि यात्रियों को न्यूनतम असुविधा हो। रेलवे और प्रशासन की ओर से इस दिशा में और कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
महाकुंभ 2025 का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है। इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में है। प्रशासन और रेलवे ने इसके लिए पहले से ही कई तैयारियां की थीं, लेकिन मौनी अमावस्या और माघ पूर्णिमा जैसे बड़े स्नान पर्वों पर भीड़ के अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाने के कारण ये समस्याएं सामने आई हैं।
क्या बोले रेलवे अधिकारी?
रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद करने का फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
रेलवे की इस कार्रवाई से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना जरूरी है।
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