महाकुंभ 2025: त्रिवेणी संगम पर आस्था का सैलाब, 45 करोड़ स्नानार्थियों ने रचा इतिहास, माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर नए रिकॉर्ड की संभावना


महाकुंभ 2025 में अब तक 45 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर यह आंकड़ा 55 करोड़ पार कर सकता है।

प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में चल रहे महाकुंभ 2025 में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। अब तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भव्य और दिव्य महाकुंभ के आह्वान ने देश-विदेश से करोड़ों लोगों को प्रयागराज खींचा है।

मंगलवार, 11 फरवरी तक सुबह 8 बजे तक संगम पर स्नान करने वालों की कुल संख्या 45 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस अद्वितीय आयोजन के दौरान अब तक मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान पर्व संपन्न हो चुके हैं, जिन पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई।

45 करोड़ का आंकड़ा कैसे हुआ पार?
महाकुंभ में अब तक मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, मौनी अमावस्या पर रिकॉर्ड 8 करोड़, और बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। पौष पूर्णिमा पर भी 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसके अलावा, एक फरवरी और 30 जनवरी को भी स्नानार्थियों की संख्या 2 करोड़ के पार रही।

शेष 15 दिनों में आने वाले स्नान पर्व—माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि—के दौरान श्रद्धालुओं का नया सैलाब उमड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन पर्वों पर स्नानार्थियों की संख्या 55 करोड़ तक पहुंच सकती है।

त्रिवेणी में आस्था का सागर
महाकुंभ में आस्था और श्रद्धा से ओत-प्रोत साधु-संत, कल्पवासी, गृहस्थ और देश-विदेश से आए श्रद्धालु निरंतर संगम तट पर जुट रहे हैं। संगम के घाटों पर हर रोज लाखों की संख्या में लोग पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। विशेष रूप से बसंत पंचमी के बाद भी आस्था की यह धारा थमी नहीं है।

प्रसिद्ध संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन की भव्यता में चार चांद लगा दिए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं ने भी संगम में डुबकी लगाई। इनके अलावा, बॉलीवुड के बड़े सितारों और खेल जगत की हस्तियों ने भी महाकुंभ में भाग लिया।

दिव्य महाकुंभ का प्रशासनिक प्रबंधन
महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज प्रशासन की भूमिका प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में संगम क्षेत्र में सुरक्षा, स्वच्छता और श्रद्धालुओं के ठहरने की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, जिसमें वाई-फाई, मेडिकल सहायता और स्मार्ट कंट्रोल रूम शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रशासन ने स्नान घाटों की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे तैनात किए हैं। गंगा-यमुना में जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

महाकुंभ 2025: आस्था, पर्यटन और आर्थिक प्रभाव
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह प्रयागराज और उत्तर प्रदेश के लिए आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने स्थानीय व्यवसायों, होटल उद्योग और परिवहन क्षेत्र को एक नई ऊंचाई दी है।

विदेशी श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने भारतीय संस्कृति और धर्म की वैश्विक पहचान को मजबूत किया है। पर्यटन विभाग के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 100 से अधिक देशों से लोग आए हैं, जिससे प्रयागराज का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार हुआ है।

क्या माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर टूटेंगे रिकॉर्ड?
महाकुंभ 2025 के शेष 15 दिनों में माघ पूर्णिमा (24 फरवरी) और महाशिवरात्रि (8 मार्च) के स्नान पर्वों पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का नया इतिहास रचने की पूरी संभावना है। श्रद्धालुओं की संख्या के आंकड़े 50-55 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

महाकुंभ 2025 न केवल आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय संगम है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और प्रशासनिक दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। 45 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या पहले ही इतिहास में दर्ज हो चुकी है, और शेष स्नान पर्वों पर यह आंकड़ा और अधिक ऊंचाई छूने को तैयार है।

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