प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 19 में भीषण आग, कई टेंट जलकर राख, साधुओं के दान में मिली रजाइयां-कंबल भी खाक, दमकल की गाड़ियां मौके पर।
प्रयागराज—महाकुंभ में एक बार फिर आग का तांडव देखने को मिला। सेक्टर 19 में कल्पवासियों के खाली किए गए टेंटों में भीषण आग लग गई, जिसने देखते ही देखते कई टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना से मेला क्षेत्र में हड़कंप मच गया, हालांकि राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
चश्मदीदों के मुताबिक, आग उन टेंटों में लगी, जहां साधु-संतों को दान में दी जाने वाली लाखों रुपए की रजाइयां, कंबल और धार्मिक सामग्री रखी हुई थी। आग इतनी तेज थी कि सबकुछ पलभर में जलकर राख हो गया। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
भीड़ से भरा मेला, नो व्हीकल ज़ोन में बदला कुंभ क्षेत्र
वीकेंड पर स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे, जिससे मेला क्षेत्र खचाखच भरा हुआ था। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से पूरे कुंभ क्षेत्र को नो व्हीकल ज़ोन घोषित कर दिया और बाहरी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी।
28 दिनों में चौथी आग—क्या सुरक्षा के दावे फेल?
महाकुंभ में यह कोई पहली आग की घटना नहीं है। पिछले 28 दिनों में यह चौथी बड़ी आग है:
- 19 जनवरी—गीता प्रेस कैंप के टेंट जलकर राख।
- 30 जनवरी—सेक्टर 22 में दर्जनों टेंट आग की चपेट में आए।
- 7 फरवरी—सेक्टर 18 में भीषण आग, कई पंडाल खाक।
इन घटनाओं ने कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर बार-बार आग क्यों लग रही है? क्या प्रशासन का आपदा प्रबंधन सिस्टम फेल हो चुका है?
प्रशासन का दावा—आग पूरी तरह नियंत्रण में
महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, कुंभ क्षेत्र में लगातार लग रही आग की घटनाओं को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
कल्पवासी लौट रहे, लेकिन आग की घटनाएं चिंताजनक
कल्पवास समाप्त होने के बाद साधु-संत बड़ी संख्या में अपने गंतव्यों की ओर लौट रहे हैं। टेंट खाली हो रहे हैं, लेकिन इन आग की घटनाओं ने कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं। क्या ये हादसे हैं, या कोई साजिश? प्रशासन को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है, ताकि श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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