मेरठ में 140 साल पुरानी मस्जिद को RRTS प्रोजेक्ट के लिए हटाया जा रहा है। मुस्लिम समाज ने खुद इसे हटाने का फैसला लिया। जानें पूरा मामला।
मेरठ में 140 साल पुरानी मस्जिद को Rapid Rail Transit System (RRTS) Project के लिए हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। Meerut Mosque Demolition को लेकर प्रशासन और मुस्लिम समाज के बीच सहमति बनी, जिसके बाद समुदाय के लोगों ने खुद मस्जिद गिराने का काम शुरू कर दिया।
मेरठ के Delhi-Meerut RRTS Corridor के निर्माण में यह मस्जिद बाधा बन रही थी, जिससे इसे हटाने का निर्णय लिया गया। मस्जिद के मुतव्वली और स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने प्रशासन से वैकल्पिक भूमि की मांग की है।
मेरठ मस्जिद विवाद क्यों सुर्खियों में है?
इस ऐतिहासिक मस्जिद के 1885 के दस्तावेज हैं, जो इसे ब्रिटिश काल का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाते हैं। लेकिन Meerut RRTS Project को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इसे हटाने का निर्णय लिया।
शुक्रवार को इस मस्जिद में Jumma Namaz (जुमे की नमाज) नहीं हुई, जिससे यह साफ हो गया कि मुस्लिम समुदाय इस फैसले के साथ है। लेकिन क्या प्रशासन इस मस्जिद के बदले वैकल्पिक भूमि देगा? यह सवाल अब भी बरकरार है।
Meerut Rapid Rail Project और मस्जिद विवाद की पूरी जानकारी
मेरठ में Delhi-Meerut Rapid Rail (RRTS) Corridor देश का पहला सेमी-हाई स्पीड ट्रांजिट सिस्टम होगा, जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने वाला एक Mega Infrastructure Project है। इसी कॉरिडोर के बीच में यह मस्जिद आ रही थी, जिसे हटाने का निर्णय लिया गया।
क्या Meerut Masjid को नई जगह दी जाएगी?
मुस्लिम समाज ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मस्जिद को कहीं और शिफ्ट किया जाए या नई भूमि दी जाए। लेकिन अभी तक UP Government या Meerut Development Authority (MDA) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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