बेकाबू भीड़, प्रशासन लापता: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में 18 की मौत, कांग्रेस ने कहा— 'नरसंहार', रेल मंत्री इस्तीफा दें!


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में 18 की मौत, कांग्रेस ने इसे 'नरसंहार' बताया, सरकार पर उठाए सवाल, रेल मंत्री से मांगा इस्तीफा।


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: 18 की मौत, कांग्रेस ने कहा— ‘नरसंहार’, रेल मंत्री दें इस्तीफा!

शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दहशत और चीख-पुकार के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद रेलवे प्रशासन कटघरे में है, तो वहीं कांग्रेस ने इसे 'नरसंहार' करार देते हुए रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी है।

क्या था हादसे का कारण?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण पूरी तरह विफल हो गया था। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 पर जनरल टिकट धारकों की भीड़ इस कदर बढ़ गई कि लोग सीढ़ियों और पुल पर एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। रेलवे प्रशासन का कहना है कि सीढ़ियों पर फिसलने से भगदड़ मची, लेकिन सवाल उठता है कि प्रशासन को पहले से स्थिति का अंदाजा क्यों नहीं था?

रेलवे ने किया हादसे पर लीपापोती का प्रयास?

रेलवे का दावा है कि भीड़ के फिसलने की वजह से हादसा हुआ, लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि टिकट विंडो पर अफरातफरी के चलते भगदड़ मची। यात्रियों का आरोप है कि स्टेशन पर पुलिस की भारी कमी थी और प्लेटफॉर्म पर हालात बेकाबू थे।

कांग्रेस का हमला: 'रेल मंत्री रील बनाते रहते हैं, जिम्मेदारी लें!'

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हादसे के बाद सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा—

"कल जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ, वो नरसंहार था। प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह हादसा हुआ। मीडिया के कुछ साथियों ने हिम्मत दिखाई और सच दिखाया, लेकिन सरकार सच्चाई दबाने में जुटी है।"

सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि रेल मंत्री हादसों पर चुप्पी साध लेते हैं और आंकड़े छिपाने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या रेल मंत्री को अंदाजा नहीं था कि कितनी भीड़ आने वाली है? यदि सेफ्टी रिव्यू मीटिंग हुई थी, तो फिर स्थिति संभालने के लिए जरूरी इंतजाम क्यों नहीं किए गए?

भीड़ नियंत्रण क्यों हुआ फेल?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेशन पर हर घंटे करीब 1500 टिकट जनरल डिब्बों के लिए कट रहे थे, जिससे भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी

  • प्रशासन के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं थी
  • सुरक्षा बलों की भारी कमी थी
  • मीडिया को कवरेज करने से रोका गया, मोबाइल छीने गए
  • रेल मंत्री ने हादसे पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया

जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित

घटना के बाद रेलवे ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बना दी है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इससे पीड़ितों को न्याय मिलेगा? हादसे में मरने वालों में 9 लोग बिहार, 8 दिल्ली और 1 हरियाणा का था

क्या रेल मंत्री इस्तीफा देंगे?

रेलवे स्टेशनों पर हर बार भीड़ नियंत्रण में नाकामी और हादसे के बाद लीपापोती की रणनीति सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। विपक्ष लगातार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रहा है।

अब देखना होगा कि क्या सरकार इस ट्रैजेडी को गंभीरता से लेगी या हमेशा की तरह इसे एक और "दुर्घटना" बताकर भुला देगी?

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