धनौरा में समाजवादी पार्टी की PDA चौपाल, सपा नेताओं ने 2027 में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
अमरोहा से नरेश सागर जिला संवाददाता की रिपोर्ट
धनौरा विधानसभा में समाजवादी पार्टी की PDA चौपाल का आयोजन किया गया, जहां पार्टी नेताओं ने आगामी 2027 के चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के निर्देश और प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल जी के आदेशानुसार यह चौपाल मंगलवार, 18 फरवरी 2025 को सेक्टर 29 फौलादपुर में आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण सभा का आयोजन आनंद यादव और भोला यादव के आवास पर किया गया, जहां समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
PDA चौपाल में सपा की ताकत का प्रदर्शन
इस चौपाल की अध्यक्षता मस्तराम यादव (जिला अध्यक्ष) ने की। उन्होंने समाजवादी पार्टी की नीतियों से जनता को अवगत कराते हुए कहा कि "2027 में समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।" उन्होंने सपा की विचारधारा को मजबूती से जनता के बीच रखा और PDA गठबंधन को आगामी चुनावों में सबसे सशक्त विकल्प बताया।
महिलाओं के योगदान को किया याद
लता सागर ने महिलाओं की शक्ति और उनके योगदान की सराहना करते हुए समाजवादी पार्टी के महिला सशक्तिकरण एजेंडे को मजबूत करने की अपील की।
PDA चौपाल में कौन-कौन हुआ शामिल?
इस महत्वपूर्ण बैठक में रघुवीर सिंह, रघुनाथ जी, वीरेंद्र सिंह प्रधान, विमल कुमार, मुन्नी सैनी, प्रेम व्रती, जमना, उर्मिला, गीता, सुषमा और प्रीति सहित अन्य कई गणमान्य नेता और समर्थक शामिल हुए।
क्या है PDA और कैसे बदल रहा है सियासी समीकरण?
PDA यानी पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक गठबंधन समाजवादी पार्टी की एक रणनीतिक पहल है, जो 2027 के चुनावों में सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। सपा नेताओं का मानना है कि अगर ये तीन प्रमुख वर्ग एक मंच पर आ जाएं, तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित हो सकता है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस चौपाल के माध्यम से जनता के बीच यह संदेश दिया कि PDA गठबंधन केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव की क्रांति है।
2027 में सत्ता की कुंजी PDA के हाथ?
PDA चौपाल में उमड़ी भारी भीड़ ने यह संकेत दे दिया कि समाजवादी पार्टी के इस नए सामाजिक समीकरण को जनता का समर्थन मिल रहा है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा 2027 के चुनाव को लेकर पूरी तैयारी में जुटी है।
क्या कहता है राजनीतिक विश्लेषण?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो PDA मॉडल भारतीय राजनीति में मंडल राजनीति 2.0 के रूप में उभर रहा है। भाजपा और अन्य दलों के मुकाबले समाजवादी पार्टी अपने इस नए रणनीतिक फार्मूले के जरिए पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को साधने में लगी है।
अब देखने वाली बात होगी कि 2027 में जनता का फैसला क्या होता है? क्या समाजवादी पार्टी की यह रणनीति यूपी की सत्ता का समीकरण बदल देगी?
PDA चौपाल का यह आयोजन समाजवादी पार्टी के लिए न केवल एक रणनीतिक कदम था, बल्कि आगामी चुनाव की नींव रखने का भी संकेत दे गया। सभा में उमड़ी भीड़ और नेताओं के जोशीले भाषणों ने साफ कर दिया कि PDA गठबंधन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है।
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