पीएम मोदी ने मंच पर शरद पवार का सहारा बन रचा नया सियासी समीकरण! देखिए कैसे बढ़ाया मदद का हाथ



पीएम मोदी ने मराठी साहित्य सम्मेलन में शरद पवार की मदद कर नया सियासी संकेत दिया! मंच पर कुर्सी तक पहुंचाने से लेकर पानी देने तक, जानिए इस खास पल की पूरी कहानी।

नई दिल्ली: 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शुक्रवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार की मदद के लिए खुद आगे बढ़कर उनका सहारा बने। यह क्षण राजनीति से परे इंसानियत की एक नई मिसाल बन गया, लेकिन इसके सियासी मायने भी गहरे हैं।

इस मंच पर पीएम मोदी ने न केवल शरद पवार को अपने हाथों से थामकर कुर्सी पर बैठाया बल्कि उनके लिए बोतल में पानी भी भरा। यह दृश्य न सिर्फ दर्शकों के दिल को छू गया बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया। शरद पवार और नरेंद्र मोदी के इस हावभाव को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

पीएम मोदी और शरद पवार का मंच पर ऐतिहासिक पल

दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। जब मंच पर शरद पवार पहुंचे, तो पीएम मोदी ने तुरंत उनका हाथ थामा और उन्हें सहारा देते हुए कुर्सी तक पहुंचाया। यह नज़ारा देखते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इतना ही नहीं, जब दीप प्रज्वलन की बारी आई, तो पीएम मोदी ने शरद पवार को आगे बुलाया और उनके साथ मिलकर दीप प्रज्वलित किया। यह क्षण मराठी साहित्य और राजनीति के संगम का प्रतीक बन गया, जहां प्रतिद्वंद्विता को परे रखकर एकता की झलक देखने को मिली।

शरद पवार ने पीएम मोदी की सराहना की

शरद पवार ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए मोदी का आभार जताया और कहा कि यह सम्मेलन 70 वर्षों के बाद दिल्ली में दोहराया जा रहा है, जो मराठी भाषा के लिए गौरव की बात है।

उन्होंने कहा, "मराठी साहित्य के उत्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका अहम रही है। मराठी भावना ने हमेशा देश की आजादी के लिए झंडा बुलंद किया है और आज इस सम्मेलन के आयोजन में प्रधानमंत्री का सहयोग इसे और भी ऐतिहासिक बना देता है।"

राजनीतिक संकेतों से भरपूर था यह दृश्य!

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह दृश्य केवल मानवीय सद्भाव नहीं था, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक संकेत भी हैं। मोदी और पवार के बीच मंच पर दिखी यह केमिस्ट्री महाराष्ट्र की राजनीति में भविष्य में कुछ नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है।

हाल ही में महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी के दो धड़ों में बंटने के बाद से बीजेपी के साथ शरद पवार की पार्टी के संबंधों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में यह मंच पर दिखी गर्मजोशी आने वाले दिनों में किसी नई सियासी गाथा की नींव रख सकती है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह पल

यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स ने इस पल को "सियासी सौहार्द" करार दिया है, तो कुछ ने इसे "नई राजनीतिक दिशा" का संकेत माना है। ट्विटर (X) पर #PMModi #SharadPawar और #MarathiSahityaSammelan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां लोग इस पर अपनी राय रख रहे हैं।

मराठी साहित्य और राजनीति का संगम

इस सम्मेलन में साहित्य, संस्कृति और राजनीति का अनोखा संगम देखने को मिला। मराठी भाषा को प्रोत्साहन देने के इस प्रयास में पीएम मोदी और शरद पवार दोनों ने एक मंच साझा किया, जिससे यह सम्मेलन और भी ऐतिहासिक बन गया।

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