राजधानी एक्सप्रेस में महिलाओं से मारपीट और अभद्रता, परिवार के आरोप—TTE भी विवाद में शामिल, GRP ने शुरू की जांच, रेलवे प्रशासन पर सवाल।
नई दिल्ली: देश की प्रतिष्ठित राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। लखनऊ से दिल्ली जा रही 20505 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में प्रयागराज से लौट रहे एक परिवार के साथ बदसलूकी, मारपीट और अभद्रता का मामला सामने आया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना में ट्रेन के TTE (ट्रेन टिकट परीक्षक) पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि टीटीई ने विवाद को शांत करने के बजाय महिलाओं के साथ अभद्रता की और उन्हें धक्का-मुक्की तक की।
कैसे भड़की राजधानी एक्सप्रेस में झड़प?
सूत्रों के अनुसार, घटना बालामऊ स्टेशन के पास शुरू हुई, जब यात्रियों के बीच किसी छोटी बात पर बहस छिड़ गई। यह बहस जल्द ही उग्र हो गई और मारपीट तक पहुंच गई। पीड़ित परिवार, जो कि महाकुंभ से लौट रहा था, इस विवाद में फंस गया और उन्हें कुछ सहयात्रियों द्वारा निशाना बनाया गया। परिवार में महिलाएं भी थीं, जिन्होंने आरोप लगाया कि टीटीई ने न सिर्फ विवाद को बढ़ावा दिया, बल्कि खुद भी उनके साथ बदसलूकी की।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब झगड़ा बढ़ा, तो ट्रेन में अफरातफरी मच गई। महिलाओं ने सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन में इस तरह की घटना से यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया।
TTE पर गंभीर आरोप, रेलवे प्रशासन मौन!
परिवार का कहना है कि TTE ने न केवल मामले को अनदेखा किया, बल्कि खुद भी बदतमीजी पर उतर आया। महिलाओं का आरोप है कि उसने उन्हें धक्का दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इतना ही नहीं, परिवार के पुरुष सदस्यों को भी गंभीर रूप से पीटा गया।
घटना के बाद जब ट्रेन बरेली जंक्शन पहुंची, तो परिवार ने GRP थाने में शिकायत दर्ज कराई। जीआरपी ने घायल यात्रियों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया और मामले की जांच शुरू कर दी।
रेलवे प्रशासन से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
यात्रियों की सुरक्षा पर उठे बड़े सवाल!
इस घटना ने राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
यदि राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन में भी यात्री असुरक्षित हैं, तो अन्य ट्रेनों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। सवाल यह है कि क्या रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं से कोई सबक लेगा, या फिर यात्रियों को खुद ही अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी?
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