महाकुम्भ 2025 में सुनील शेट्टी ने आस्था की डुबकी लगाई। संगम की दिव्यता से अभिभूत होकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री नन्दी का जताया आभार।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
प्रयागराज के महाकुम्भ 2025 में रविवार का दिन बेहद खास रहा, जब बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता सुनील शेट्टी ने संगम नगरी की पावन धरा पर आस्था की डुबकी लगाई। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान कर सुनील शेट्टी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा का वर्णन करते हुए कहा, "आज वाकई ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने गंगा नहा लिया।"
महाकुम्भ की दिव्यता ने किया अभिभूत
सुनील शेट्टी महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता से पूरी तरह मोहित नजर आए। उन्होंने बार-बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिनके नेतृत्व में इस ऐतिहासिक आयोजन को संभव बनाया गया। सुनील शेट्टी ने कहा, "महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं, वह सनातन संस्कृति की अद्भुत शक्ति को दर्शाती हैं। यहां की व्यवस्था, सफाई और आस्था का माहौल वाकई अद्वितीय है।"
नन्दी सेवा संस्थान शिविर में किया भोजन
महाकुम्भ की व्यवस्था का किया बखान
आस्था और श्रद्धा का संगम
मंत्री नन्दी ने किया अभिनंदन
मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सुनील शेट्टी के आगमन को महाकुम्भ के लिए एक गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा, "सुनील जी जैसे बड़े कलाकार का महाकुम्भ में आना इस आयोजन की महत्ता को और बढ़ाता है। उनके अनुभव श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक होंगे।"
श्रद्धालुओं से किया आग्रह
सुनील शेट्टी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे महाकुम्भ में आकर इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा, "यह आयोजन केवल आस्था का नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण है। यहां आकर आपको आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होगा।"
महाकुम्भ की दिव्यता को किया नमन
सुनील शेट्टी ने महाकुम्भ को केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और संस्कृति का उत्सव बताया। उन्होंने प्रयागराज की संगम नगरी को नमन करते हुए कहा, "यहां आना मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अनुभव है। महाकुम्भ केवल एक पर्व नहीं, यह भारतीय आत्मा का उत्सव है।"
सुनील शेट्टी की यह आध्यात्मिक यात्रा महाकुम्भ की महिमा और सनातन धर्म की गहराई को एक बार फिर उजागर करती है।
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