अयोध्या में साध्वी हर्षा रिछारिया का बड़ा ऐलान: रामलला से अनुमति लेकर सनातन के लिए क्या करने वाली हैं ये पूर्व मॉडल?



मॉडलिंग छोड़ साध्वी बनीं हर्षा रिछारिया ने अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद बड़ा ऐलान किया। क्या सनातन धर्म के लिए नई मुहिम शुरू करेंगी? जानें पूरी खबर।

अयोध्या में साध्वी हर्षा रिछारिया का सनातन धर्म के लिए बड़ा प्लान, रामलला से ली अनुमति!

महाकुंभ में चर्चा में आईं साध्वी हर्षा रिछारिया ने अब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए और भगवान राम से आशीर्वाद लेने के बाद सनातन धर्म के उत्थान के लिए बड़ा संकेत दिया। उन्होंने खुलासा किया कि वे जल्द ही कुछ ऐतिहासिक करने जा रही हैं, जिसके लिए उन्होंने रामलला से अनुमति भी ले ली है। हालांकि, उन्होंने इस "बड़े कार्य" के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी, लेकिन उनके चेहरे की गंभीरता बता रही थी कि यह सनातन धर्म के लिए क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

राम मंदिर से बाहर आते ही साध्वी हर्षा ने कहा कि मंदिर में दर्शन करने से उनके मन को अलौकिक शांति मिली और अब वे अपने मिशन की शुरुआत करने जा रही हैं। उन्होंने भगवान राम की प्रतिमा की सुंदरता की जमकर तारीफ की और कहा कि एक बार जो रामलला को देख ले, उसकी नजरें हट ही नहीं सकतीं। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म को और मजबूत करने के लिए वह जल्द ही एक बड़ी मुहिम शुरू करने वाली हैं, जो पूरे भारत में सनातन प्रेमियों को जोड़ने का काम करेगी।

युवाओं को दिया संदेश: सोशल मीडिया पर धर्म और संस्कृति का प्रचार करें

साध्वी हर्षा रिछारिया ने युवाओं को एक खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर युवा गलत दिशा में जा रहे हैं और समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि युवाओं को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग सनातन धर्म के प्रचार और भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए करना चाहिए।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ युवा अभी भी धर्म और अध्यात्म से जुड़े कंटेंट को प्रमोट कर रहे हैं, लेकिन यह संख्या बहुत कम है। इसलिए, वह एक ऐसा अभियान शुरू करेंगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा युवा सनातन धर्म से जुड़ें और अपने कंटेंट के माध्यम से संस्कृति और आध्यात्म को डिजिटल युग में नई पहचान दिलाएं।

महाकुंभ में चर्चा का केंद्र रहीं, अब सनातन को नई दिशा देने की तैयारी!

महाकुंभ के दौरान साध्वी हर्षा रिछारिया काफी चर्चा में रहीं थीं। वे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की शिष्या हैं। इससे पहले वे मॉडलिंग और एंकरिंग में अपनी पहचान बना चुकी थीं, लेकिन अध्यात्म की ओर बढ़ते हुए उन्होंने अपने पुराने जीवन को त्याग दिया और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लग गईं।

महाकुंभ के दौरान उनका कैलाशानंद गिरि के कैंप में देखा जाना भी विवादों का कारण बना था, लेकिन उन्होंने इन सब बातों को नजरअंदाज कर धर्म की राह पकड़ ली।

काशी में दर्शन के बाद आगे की रणनीति करेंगी तय!

अयोध्या के बाद साध्वी हर्षा रिछारिया काशी पहुंची, जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा के दर्शन किए। उनका कहना है कि वे सनातन धर्म के पुनर्जागरण के लिए जो कुछ भी करने जा रही हैं, उसकी शुरुआत बड़े मंदिरों से आशीर्वाद लेने के बाद ही करेंगी।

अब सवाल यह है कि क्या साध्वी हर्षा रिछारिया एक नया आध्यात्मिक आंदोलन खड़ा करने वाली हैं? क्या वे सनातन धर्म को डिजिटल युग में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए कोई अभियान शुरू करने वाली हैं? यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन उनका यह बयान कि उन्होंने "रामलला से अनुमति ले ली है", किसी बड़े परिवर्तन की ओर इशारा कर रहा है।

अयोध्या में साध्वी हर्षा की इस यात्रा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और आने वाले समय में वे क्या नया करने वाली हैं, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं!

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