बरेली में 165 साल पुरानी ऐतिहासिक राम बारात धूमधाम से निकली। महाकुंभ के जल से होली खेली गई, भक्तों ने फूलों की बारिश कर स्वागत किया।
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में फाल्गुन मास की धूम इस बार भी ऐतिहासिक रही। हर साल होली से ठीक एक दिन पहले निकाली जाने वाली 165 साल पुरानी राम बारात ने इस बार एक नई परंपरा जोड़ दी—महाकुंभ के पवित्र जल से होली खेलने की। जब भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की दिव्य झांकी शहर की सड़कों पर निकली, तो भक्तों का जोश देखते ही बना। श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर बारात का स्वागत किया और पूरा शहर जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा।
महाकुंभ के जल से होली—भक्तिमय उल्लास का अनूठा अनुभव
इस साल की राम बारात खास रही, क्योंकि श्रद्धालुओं ने होली खेलने के लिए महाकुंभ 2025 के गंगाजल का उपयोग किया। हुरियारों ने पवित्र जल में गुलाल मिलाकर भक्तिपूर्ण होली खेली, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक आभा से भर गया। यह पहली बार था जब राम भक्तों ने कुंभ के अमृत समान जल से होली खेलकर आस्था का रंग और गाढ़ा कर दिया।
राम बारात का 165 साल पुराना इतिहास: भक्ति और उल्लास का संगम
बरेली में राम बारात की यह परंपरा 1859 से चली आ रही है, जब इसे पहली बार बड़े स्तर पर निकाला गया था। तब से लेकर आज तक हर साल यह आयोजन पहले से भी अधिक भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं और भगवान श्रीराम की झांकी को देखने के लिए देशभर से लोग बरेली पहुंचते हैं।
लकड़ी के 165 साल पुराने रथ पर सवार भगवान राम
राम बारात का मुख्य आकर्षण 165 साल पुराना लकड़ी का रथ है, जिस पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण विराजमान रहते हैं। इस रथ को विशेष रूप से परंपरागत तरीके से सजाया जाता है और इसके आगे हनुमान जी की झांकी होती है। यात्रा के दौरान भक्त राम नाम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते हैं, और कई जगहों पर फूलों की बारिश और रंगों की बौछार की जाती है।
शहरभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, ड्रोन से निगरानी
इतिहास में राम बारात के दौरान कई बार अप्रिय घटनाएं भी हो चुकी हैं, इसलिए इस बार 315 पुलिसकर्मियों, चार सीओ, चार थाना प्रभारी और एक पीएसी कंपनी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया था। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी गई, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को ढक दिया गया था, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।
CCTV और दमकल की मुस्तैदी: बारात में आगजनी से बचाव की तैयारी
राम बारात के दौरान पूरे मार्ग पर CCTV कैमरों से निगरानी रखी गई, ताकि किसी भी असामाजिक तत्व पर नजर रखी जा सके। साथ ही, बारात में दमकल की गाड़ियां भी तैनात की गई थीं, जिससे किसी तरह की आगजनी या आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके।
राम बारात के स्वागत में शहरवासियों की भव्य तैयारी
बारात के स्वागत में शहरवासियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। कोतवाली, पुराना बस अड्डा, कालीबाड़ी सहित प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं ने फूलों और गुलाल से बारात का अभिनंदन किया। जगह-जगह राम भक्तों ने भजन-कीर्तन का आयोजन किया और बारात के साथ ड्रम-ढोल की थाप पर थिरकते श्रद्धालु उत्साह बढ़ा रहे थे।
राम बारात का उत्सव: सालभर रहता है इंतजार
बरेली की यह ऐतिहासिक राम बारात केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक भव्य महोत्सव है, जिसका श्रद्धालु सालभर इंतजार करते हैं। इस आयोजन में शामिल होने के लिए न केवल यूपी बल्कि देशभर से राम भक्त बरेली आते हैं। राम बारात का उल्लास होली के रंगों में आस्था और परंपरा के अनोखे संगम को दर्शाता है।
राम बारात में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, पूरे शहर को किया गया राममय
इस वर्ष की राम बारात में अब तक की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। आयोजकों के अनुसार, इस बार राम बारात में एक लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने धार्मिक उल्लास के साथ होली का आनंद लिया। शहर में राम नाम की गूंज और होली के गुलाल के साथ भक्ति का रंग पूरे वातावरण में छाया रहा।
यूनेस्को की धरोहर घोषित होने के बाद और बढ़ी राम बारात की भव्यता
हाल ही में यूनेस्को द्वारा राम बारात को विश्व धरोहर का दर्जा देने की घोषणा की गई थी। इसके बाद इस वर्ष का आयोजन और भी विशाल और ऐतिहासिक बन गया। इस भव्य आयोजन के लिए सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों, झांकियों और सजीव झांकियों की व्यवस्था की गई थी, जिसमें श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं का प्रदर्शन किया गया।
राम बारात: आस्था, परंपरा और उल्लास का अद्भुत संगम
बरेली की यह 165 साल पुरानी राम बारात सिर्फ एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि आस्था और आनंद का एक विराट संगम है। इस आयोजन में हर साल भक्तों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि भगवान श्रीराम का प्रेम और उनकी परंपराएं आज भी जनमानस के हृदय में गहराई से व्याप्त हैं। इस बार महाकुंभ के जल से होली खेलकर श्रद्धालुओं ने इस परंपरा को और भी भव्य, पवित्र और ऐतिहासिक बना दिया।
अगले साल फिर से इस राम बारात का आनंद लेने के लिए भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं!
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