बस्ती के दुबौलिया थाने में हिरासत के दौरान नाबालिग की मौत पर SHO लाइनहाजिर, दरोगा-सिपाही सस्पेंड, पुलिस पर गरजा जनाक्रोश।
बस्ती में पुलिस हिरासत बना काल! 17 साल के आदर्श की थर्ड डिग्री से मौत, जिले में मचा बवाल
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। दुबौलिया थाने में अवैध हिरासत के दौरान 17 वर्षीय नाबालिग आदर्श उपाध्याय की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि थाने में उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत इतनी बिगड़ी कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। इस चौंकाने वाली घटना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है और तत्काल प्रभाव से SHO को लाइनहाजिर कर दिया गया है, वहीं आरोपी दरोगा व सिपाही को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
थर्ड डिग्री टॉर्चर ने ले ली मासूम जान, पुलिस बनी जल्लाद
सोमवार शाम की यह घटना उस समय हुई जब आदर्श गांव की एक दुकान पर खैनी लेने गया था। दुकान पर किसी बात को लेकर उसकी कहासुनी हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बिना किसी लिखित शिकायत के उसे हिरासत में ले लिया और थाने ले जाकर उस पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। आरोप है कि आदर्श को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया और जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो पुलिसकर्मी उसे चुपचाप घर छोड़ आए। परिजनों ने जब उसकी हालत देखी तो उसे फौरन अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
हिरासत में हुई मौत के बाद भड़का जनाक्रोश, सड़कों पर उतरे लोग
आदर्श की मौत की खबर फैलते ही पूरे गांव और आसपास के इलाके में गुस्से की लहर दौड़ गई। परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर जोरदार प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर बीजेपी जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा, हरैया विधायक अजय सिंह और सपा विधायक महेंद्रनाथ यादव भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया। इसके बावजूद आदर्श के परिजन अभी तक शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पाए हैं। शव फिलहाल पोस्टमार्टम हाउस के एंबुलेंस में रखा गया है और परिजन इंसाफ की मांग पर अड़े हुए हैं।
एसपी बस्ती का बड़ा एक्शन, थाने में खलबली
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी बस्ती ने दुबौलिया थाने के SHO जितेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइनहाजिर कर दिया है। साथ ही, उस दरोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है जिन्होंने आदर्श को हिरासत में लिया था। दोनों पर विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। पुलिस महकमे में इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है और जिलेभर के थानों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी नाबालिग या नागरिक के साथ अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीएम की दो सदस्यीय जांच कमेटी सक्रिय, परिवार को इंसाफ की उम्मीद
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम रवीश कुमार ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है और जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की भी मांग उठने लगी है। परिजनों का साफ कहना है कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
गांव में छाया मातम, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
उभाई गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा है। आदर्श की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर भी पुलिस की बर्बरता को लेकर गुस्सा फूटा है। #JusticeForAdarsh और #BastiPoliceBrutality जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हजारों लोगों ने ट्वीट कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
पुलिसिया जुल्म का यह कैसा चेहरा? उठे सवाल
पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या पुलिस थाने अब सुरक्षा के नहीं, मौत के अड्डे बनते जा रहे हैं? क्या किसी नाबालिग को बिना FIR के थाने लाना और उसे टॉर्चर करना कानून की खुली धज्जियां उड़ाना नहीं है? क्या सिर्फ सस्पेंशन और लाइनहाजिरी ही ऐसे मामलों में पर्याप्त कार्रवाई मानी जाएगी?
सरकार की साख पर बट्टा, विपक्ष हमलावर
घटना के बाद विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पुलिस बर्बरता की निंदा करते हुए कहा है कि यूपी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा – "बस्ती में पुलिस हिरासत में हुई नाबालिग की मौत दिल दहला देने वाली है। योगी सरकार को इसका जवाब देना होगा।"
क्या मिलेगा आदर्श को न्याय? टकटकी लगाए देख रहा है पूरा बस्ती जिला
अब देखना यह है कि आदर्श उपाध्याय को न्याय दिलाने की दिशा में प्रशासन व सरकार कितनी गंभीरता दिखाती है। जनता की नजरें इस पूरे मामले पर टिकी हुई हैं। जब तक दोषियों को कानूनी तौर पर कड़ी सजा नहीं दी जाती, तब तक आदर्श का परिवार और पूरा गांव न्याय के इंतजार में रहेगा।
0 टिप्पणियाँ