ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ रमजान में विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाए। बोले, भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित।
रमजान में धरना-प्रदर्शन क्यों? मौलाना रज़वी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर उठाए कड़े सवाल!
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ रमजान के पवित्र महीने में धरना-प्रदर्शन करने की योजना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस कदम को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और मुसलमानों को गुमराह करने वाला करार दिया।
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि रमजान इबादत का महीना है, राजनीति का नहीं। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं, वे हकीकत को झुठलाने का काम कर रहे हैं।
"देश में मुसलमान पूरी आज़ादी के साथ अपने त्योहार, नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात और उर्स के कार्यक्रम मना रहे हैं। सरकार या कोई भी संगठन इन धार्मिक गतिविधियों में कोई बाधा नहीं डालता। ऐसे में यह कहना कि मुसलमान असुरक्षित हैं, पूरी तरह गलत, भ्रामक और अफवाह फैलाने वाला है।" - मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी
क्या भारत में मुसलमानों को सच में खतरा है? मौलाना रज़वी ने दिया करारा जवाब
मौलाना रज़वी ने कहा कि भारत में मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है, बल्कि वे सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदार लोगों को भारत में मुसलमान असुरक्षित लगते हैं, तो उन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जाकर वहां की स्थिति को देखना चाहिए।
"अगर आपको लगता है कि भारत में मुसलमानों को खतरा है, तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश का दौरा कीजिए। वहां के हालात देख लीजिए। फिर भारत लौटकर आपको खुद समझ आ जाएगा कि यहां मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं।"
वक्फ संशोधन बिल के विरोध में रमजान में धरना क्यों? मौलाना रज़वी ने पूछा
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने सवाल उठाया कि धरना-प्रदर्शन के लिए साल में 11 महीने थे, तो फिर इसे रमजान के पाक महीने में ही क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि रमजान का महीना अल्लाह की इबादत और आत्मशुद्धि का समय है, न कि राजनीतिक प्रदर्शन और सड़कों पर उतरने का।
"धरना-प्रदर्शन करने का हर किसी को संवैधानिक अधिकार है, लेकिन रमजान के पवित्र महीने में ऐसा करना धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है। साल के बाकी महीनों में भी यह विरोध किया जा सकता था, लेकिन रमजान को निशाना बनाना मुसलमानों को राजनीति में धकेलने की कोशिश है।"
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मंशा पर सवाल! क्या यह राजनीतिक स्टंट है?
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले की नीयत पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में प्रदर्शन आयोजित करना कहीं न कहीं एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, जिससे मुसलमानों को गुमराह किया जा सके।
"यह सोची-समझी साजिश हो सकती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि कुछ नेता मुसलमानों की भावनाओं को भड़का कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं?"
भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित, असुरक्षा का माहौल बनाना गलत – मौलाना रज़वी
मौलाना रज़वी ने कहा कि भारत में मुसलमान न केवल स्वतंत्र हैं, बल्कि उनकी धार्मिक आस्थाओं का पूरा सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को यह समझने की जरूरत है कि उसे धर्म के नाम पर राजनीति से बचना चाहिए।
"हम भारत में न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि अपने धार्मिक कर्तव्यों को भी पूरी स्वतंत्रता के साथ निभा सकते हैं। कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन हमें सच्चाई समझनी चाहिए।"
क्या मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए?
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी के इस बयान के बाद मुस्लिम समुदाय के भीतर भी एक नई बहस छिड़ गई है। क्या वाकई में रमजान के दौरान राजनीतिक विरोध प्रदर्शन सही है? या यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है, जिसे कुछ संगठन अपने फायदे के लिए चला रहे हैं?
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