फतेहगंज पश्चिमी में संविदा सफाईकर्मी अंकित की नौकरी गाली-गलौज व धमकी के आरोप में चेयरमैन और सभासदों ने खत्म करवाई।
संवाददाता इरफान हुसैन की रिपोर्ट
फतेहगंज पश्चिमी में सफाईकर्मी की गुंडागर्दी का हुआ अंत, चेयरमैन और सभासदों की सख्ती से टूटा अहंकार
फतेहगंज पश्चिमी नगर पंचायत में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय सामने आया है, जहां संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मचारी अंकित पुत्र भूरेलाल की नौकरी को समाप्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अंकित ने चेयरमैन प्रतिनिधि हारून चौधरी, सभासद प्रदीप गुप्ता समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ न केवल गाली-गलौज की, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली। इसके अलावा, उसके खिलाफ वार्ड में सफाई व्यवस्था को बिगाड़ने, कर्मचारियों पर रौब झाड़ने, दबंगई दिखाने और कार्य में लगातार लापरवाही बरतने जैसे संगीन आरोप भी लगे हैं।
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में चेयरमैन, सभी सभासद और अन्य जिम्मेदारों ने एकमत होकर संविदा समाप्त करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इस प्रस्ताव को बरेली मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मीरगंज एसडीएम और उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा को भेजा गया। साथ ही अधिशासी अधिकारी शिवलाल राम को भी सूचित किया गया, जिन्होंने त्वरित एक्शन लेते हुए अंकित को नोटिस थमाया और उसकी संविदा समाप्त कर दी।
फतेहगंज की बोर्ड मीटिंग में मचा बवाल, एकजुट होकर लिया गया बड़ा फैसला
इस पूरे घटनाक्रम में फतेहगंज की नगर पंचायत की एकता और सख्त रवैये ने साफ संदेश दे दिया कि अनुशासनहीनता और दादागिरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बोर्ड की मीटिंग में चेयरमैन इमराना बेगम की अध्यक्षता में वरिष्ठ लिपिक बेला देवी, सभासद अबोध सिंह, शराफत हुसैन, डॉक्टर मोइन उद्दीन अंसारी, चेयरमैन प्रतिनिधि हारून चौधरी, जाकिर हुसैन, प्रेम कुमार कोरी, कृपाल सिंह, सतीश चंद्र महेश्वरी, धर्मेंद्र सिंह उर्फ मोनू ठाकुर, वसीर अहमद, वसीम अहमद, मौलाना मोहम्मद अहसन अंसारी, समीर अंसारी, श्रीमती नसरीन, श्रीमती सबीना बी समेत कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और नगर पंचायत कर्मचारी मौजूद रहे।
साफ संदेश: लापरवाही, बदतमीजी और धमकी का अंजाम—नौकरी खत्म
नगर पंचायत की यह कार्रवाई स्थानीय स्तर पर एक मिसाल बन गई है। जो कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं या जनप्रतिनिधियों से अभद्रता करते हैं, उनके लिए यह एक चेतावनी है। सफाई कर्मचारी अंकित के रवैये से पहले ही कई लोग नाराज थे, लेकिन जब हद पार हो गई तो पूरा बोर्ड उसके खिलाफ एकजुट हो गया। चेयरमैन प्रतिनिधि हारून चौधरी और सभासद प्रदीप गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लिखित शिकायतों के साथ इसे शासन स्तर तक पहुंचाया।
नगर विकास मंत्री तक पहुँचा मामला, शासन से भी मिली हरी झंडी
शासन को भेजे गए शिकायती पत्र में अंकित के सभी अपराधों का विस्तृत विवरण दिया गया था। बताया गया कि वह नियमित रूप से अपने कार्य में लापरवाही बरतता था, वार्डों में सफाई नहीं करता था, और उल्टा कर्मचारियों और अधिकारियों पर धौंस जमाता था। नगर विकास मंत्री एके शर्मा तक यह मामला पहुँचने के बाद, तेजी से निर्णय लिया गया और अधिशासी अधिकारी ने संविदा समाप्त करने की प्रक्रिया पूरी की।
कर्मचारियों में फैली सख्ती की लहर, नगर पंचायत ने दिखाई प्रशासनिक ताकत
इस फैसले के बाद अन्य संविदा कर्मियों के बीच भी हलचल मच गई है। सभी को सख्त संदेश मिला है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही, बदतमीजी या अनुशासनहीनता को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर पंचायत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कोई भी कर्मचारी हो, अगर नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सिस्टम की सख्ती से कर्मचारियों को मिला संदेश: अब काम करना ही पड़ेगा
इस फैसले से नगर पंचायत प्रशासन ने अपने नागरिकों को यह भरोसा दिया है कि सफाई व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी जैसे अपराधों पर अब सीधे संविदा समाप्त करने का सख्त निर्णय लिया जाएगा।
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