गोरखपुर में PWD ऑफिस पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई: 3 करोड़ टैक्स बकाया पर ऑफिस सील, मचा हड़कंप!




गोरखपुर में 3 करोड़ टैक्स बकाया पर नगर निगम ने PWD ऑफिस सील किया, हड़कंप मच गया। एक दिन की मोहलत मांगी गई।


गोरखपुर में PWD ऑफिस सील: नगर निगम की बड़ी कार्रवाई से मचा बवाल, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में शनिवार दोपहर उस वक्त हड़कंप मच गया जब नगर निगम की प्रवर्तन टीम ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के मुख्य अभियंता कार्यालय को सील कर दिया। वजह बेहद चौंकाने वाली थी—PWD पर करीब 3 करोड़ रुपये का property tax बकाया है, जिसे लेकर बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद विभाग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

गोरखपुर के civil lines इलाके में स्थित इस कार्यालय पर नगर निगम की कार्रवाई ने सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मचा दिया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक, PWD ने न केवल टैक्स नहीं चुकाया, बल्कि नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया।

नगर निगम के enforcement team और tax assessment officers की मौजूदगी में इस दफ्तर को सील किया गया। हालांकि, PWD की तरफ से तत्काल नगर आयुक्त से संपर्क कर एक दिन की मोहलत मांगी गई है। अगर सोमवार तक बकाया टैक्स जमा नहीं हुआ, तो फिर से भवन को सील कर दिया जाएगा।

PWD जैसी अहम सरकारी संस्था का ऑफिस सील होना गोरखपुर शहर के लिए अभूतपूर्व घटना है। इससे सरकार के भीतर की कार्यशैली और लापरवाही पर भी सवाल उठने लगे हैं।

नगर निगम का रुख सख्त: अब और विभाग भी निशाने पर
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई के जरिए बाकी बकायेदार विभागों को भी स्पष्ट संदेश देना है कि अगर समय पर property tax payment नहीं किया गया, तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह सरकारी दफ्तर ही क्यों न हो।

नगर निगम ने पहले भी कई बार PWD को tax dues को लेकर नोटिस भेजा था। सूत्रों की मानें तो विभाग पर करीब 3.07 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। नोटिस देने के बावजूद न कोई भुगतान हुआ और न ही जवाब।

नगर निगम के कर अधीक्षक ने कहा कि "हमने बार-बार उन्हें मौका दिया, लेकिन वे नजरअंदाज करते रहे। ऐसे में हमें मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी। अब अगर सोमवार तक भुगतान नहीं होता, तो हम भवन को पूरी तरह से सील कर देंगे।"

PWD ऑफिस में अफरातफरी का माहौल
जैसे ही नगर निगम की टीम ऑफिस पहुंची, वहां कर्मचारियों और अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। पहले किसी को समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, लेकिन जब नगर निगम के अधिकारी सील लगाने लगे, तो माहौल गर्म हो गया।

नगर निगम के इस कदम को कई लोग strict urban governance की दिशा में अहम कदम मान रहे हैं। वहीँ कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि PWD जैसे विभाग को इतनी लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए थी।

क्या कहता है कानून?
नगर निगम एक्ट के तहत कोई भी संस्था या व्यक्ति अगर अपने premises पर property tax default करता है और समय पर भुगतान नहीं करता, तो नगर निगम को अधिकार है कि वह संबंधित संपत्ति को सील कर दे।

इस कानून का पालन करते हुए गोरखपुर नगर निगम ने यह सख्त कदम उठाया है। इससे पहले निजी संपत्तियों को लेकर ऐसी कार्रवाइयां होती रही हैं, लेकिन किसी सरकारी विभाग के दफ्तर को सील करना एक मिसाल बन गया है।

PWD ने मांगी एक दिन की मोहलत
कार्रवाई के तुरंत बाद PWD के मुख्य अभियंता ने नगर आयुक्त से बात की और एक दिन की मोहलत मांगी है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि सोमवार तक बकाया राशि का निपटारा कर दिया जाएगा।

नगर निगम की प्रवर्तन टीम ने भी इस मोहलत को फिलहाल स्वीकार किया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर तय समय सीमा के भीतर भुगतान नहीं हुआ, तो अगली बार और कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सवाल खड़े करती है ये कार्रवाई
सरकारी विभागों द्वारा इस तरह के टैक्स बकाया और उसे लेकर लापरवाही का मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि इससे आम जनता में गलत संदेश भी जाता है। आम नागरिक अगर टैक्स नहीं देता तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन सरकारी विभाग वर्षों तक बकाया छोड़ देते हैं।

क्या आगे और विभाग आएंगे निशाने पर?
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि PWD के बाद अब उन सभी विभागों की लिस्ट बनाई जा रही है, जिनका property tax pending है। आने वाले दिनों में ऐसे सभी विभागों के खिलाफ एक-एक कर कार्रवाई की जाएगी।

गोरखपुर में कौन-कौन से विभाग हो सकते हैं अगला निशाना?
नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और सिंचाई विभाग जैसे सरकारी संस्थानों के भी गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में कई संपत्तियां हैं, जिनका टैक्स वर्षों से लंबित है। अब ये सभी विभाग भी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।

इस घटना से क्या सबक लेना चाहिए सरकारी विभागों को?
यह घटना दर्शाती है कि चाहे विभाग सरकारी हो या निजी, नगर निगम अब zero tolerance policy अपना रहा है। टैक्स बकाया रखने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।

नगर निगम के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ टैक्स वसूली नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही तय करना भी है।


PWD गोरखपुर की यह घटना नगर प्रशासनिक इतिहास में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। अगर सोमवार तक टैक्स जमा नहीं होता, तो नगर निगम अपनी कार्रवाई को और सख्त बना सकता है। यह घटना निश्चित ही अन्य विभागों को भी चेतावनी देती है कि नियमों से खिलवाड़ अब नहीं चलेगा।

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