लखनऊ में किडनैप-रेप-मर्डर केस का आरोपी अजय एनकाउंटर में ढेर, 7 पुलिसकर्मी सस्पेंड, 23 केस था दर्ज, हड़कंप मचा।
लखनऊ एनकाउंटर: 23 केस वाला अजय ढेर, महिला की हत्या से हिला शहर, पुलिस पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow एक बार फिर से एक heart-wrenching crime की वजह से सुर्खियों में है। आलमबाग बस अड्डे से एक महिला का kidnap, फिर loot, rape attempt और अंत में बेरहमी से murder करने वाले ऑटो चालक अजय द्विवेदी को आखिरकार पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। यह वही अजय है जिस पर पहले से ही 23 criminal cases दर्ज थे, और जिसे पकड़ने के लिए पुलिस ने 1 लाख का इनाम घोषित किया था।
पूरा मामला सिर्फ क्राइम का नहीं, बल्कि पुलिस की लापरवाही और सिस्टम की पोल खोलने वाला भी है। आलमबाग जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके से दिनदहाड़े एक महिला को अगवा करना और दो दिन तक फरार रहना एक बड़ा सवाल बनकर उभरा है। इस केस में Lucknow Police की भूमिका पर सवाल खड़े हुए, और नतीजतन 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
Crime की शुरुआत: आलमबाग से अगवा, बाग में बेरहमी
घटना की शुरुआत हुई आलमबाग बस अड्डे से, जहां अयोध्या की रहने वाली एक महिला अकेले सफर कर रही थी। अजय द्विवेदी नामक ऑटो ड्राइवर ने महिला को बिठाया और मलिहाबाद के वाजिदनगर इलाके में ले गया। वहां उसने महिला से rape की कोशिश की, और जब महिला ने विरोध किया, तो उसकी हत्या कर दी। उसके साथ मौजूद अजय का भाई दिनेश भी इस जुर्म में शामिल था।
Police Action: दो दिन की तलाश, CCTV से ट्रैकिंग, और अंत में एनकाउंटर
Crime को अंजाम देने के बाद अजय और दिनेश फरार हो गए। पुलिस ने ऑटो की नंबर प्लेट गायब पाए जाने के बाद CCTV और सर्विलांस की मदद से तहकीकात शुरू की। पहले दिनेश को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में सब कुछ कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस अजय की तलाश में जुट गई। शुक्रवार रात को आखिरकार पुलिस और अजय के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें अजय गोली लगने से घायल हुआ और बाद में अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
अजय पर पहले से ही 23 मुकदमे दर्ज
अजय द्विवेदी कोई आम क्रिमिनल नहीं था। उसके खिलाफ पहले से ही 23 संगीन केस दर्ज थे, जिनमें loot, assault, molestation, और attempt to murder जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। वहीं उसका भाई दिनेश भी आधे दर्जन से ज्यादा मामलों में आरोपी था। बावजूद इसके, दोनों खुल्लम-खुल्ला शहर में घूमते रहे और पुलिस की नजरों से दूर रहे।
लापरवाही की कीमत: सात पुलिसकर्मी सस्पेंड
इस शर्मनाक घटना के बाद Lucknow Police Commissioner ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इनमें थाना प्रभारी से लेकर सिपाही तक शामिल थे। सवाल यह भी उठता है कि अगर आरोपी पर 23 मुकदमे दर्ज थे, तो वह खुलेआम क्यों घूम रहा था? पुलिस की negligence और lax patrolling ने इस अपराध को होने दिया।
महिला सुरक्षा पर फिर से बहस
इस घटना के बाद women safety in Lucknow पर एक बार फिर से बहस तेज हो गई है। एक महिला को राजधानी के बीचों-बीच से अगवा किया जाता है, उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश होती है और फिर हत्या — यह सब राजधानी के भीतर! यह बताता है कि सुरक्षा व्यवस्था किस हद तक कमजोर है।
आलमबाग जैसे बस अड्डे पर CCTV, पुलिस पेट्रोलिंग, या महिला हेल्प डेस्क जैसी कोई भी सुविधा उस वक्त काम नहीं आई।
जनता में गुस्सा, सोशल मीडिया पर ट्रेंड
जैसे ही मामला सामने आया, #JusticeForAyodhyaWoman, #LucknowCrime, #UPPoliceFail जैसे हैशटैग्स ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे। लोग इस घटना से आहत हैं और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने कुछ हद तक भरोसा जगाया है, लेकिन मामले की तह तक जाने और सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
सीएम योगी ने ली जानकारी, सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस केस को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए zero tolerance policy के तहत सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
कानूनी कार्रवाई: अब आगे क्या?
गिरफ्तार दिनेश को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। वहीं एनकाउंटर में मारा गया अजय अब कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा। लेकिन इस घटना ने लखनऊ की पुलिसिंग पर जो धब्बा लगाया है, वो इतनी आसानी से नहीं मिटेगा।
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