मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर बवाल: सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, धर्मगुरु ने दिया करारा जवाब!


मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर सोशल मीडिया पर हंगामा! रमजान में रोजा छोड़ने को लेकर हुए ट्रोल, मुस्लिम धर्मगुरु ने दिया करारा जवाब। जानिए पूरा विवाद!

नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबले के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गई। इस तस्वीर में शमी एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आ रहे हैं, जिसके बाद इंटरनेट पर हंगामा मच गया। कई यूजर्स ने उन्हें रमजान में रोजा न रखने के लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया। हालांकि, इस पूरे विवाद में मुस्लिम धर्मगुरु ने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है और शमी को भी कुछ सुझाव दिए हैं।


मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर ट्रोलिंग, लोगों ने कहा- रमजान में रोजा रखना जरूरी था!

चैंपियंस ट्रॉफी के इस बड़े मुकाबले में मोहम्मद शमी ने शानदार गेंदबाजी की और भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लिए। लेकिन मैच के दौरान उनकी एक तस्वीर कैमरे में कैद हो गई, जिसमें वह एनर्जी ड्रिंक पीते दिखे। देखते ही देखते यह तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर नेगेटिव कमेंट्स की बौछार कर दी।

कुछ लोगों ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में शमी को रोजा रखना चाहिए था, वहीं कुछ कट्टरपंथियों ने उनकी आस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। ट्रोलर्स ने लिखा, "शमी तुम कैसे मुसलमान हो?" और "इस्लाम में खेल से बड़ा रोजा है!" जैसी टिप्पणियां करने लगे।


धर्मगुरु का करारा जवाब: 'सोशल मीडिया के मुफ्तियों को इस्लाम की समझ नहीं'

इस विवाद पर मुरादाबाद के मशहूर मुस्लिम धर्मगुरु इंतेसाब कादरी ने ट्रोलर्स को आड़े हाथों लिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "जो लोग शमी को ट्रोल कर रहे हैं, उन्हें इस्लाम की सही जानकारी नहीं है।"

उन्होंने बताया कि अगर किसी मुसलमान का रोजा किसी जरूरी वजह से छूट जाता है तो वह ईद के बाद अपने रोजों की क़ज़ा (पूरा) कर सकता है। उन्होंने कहा,

"इस्लाम में मजबूरी की हालत में रोजा छोड़ा जा सकता है। जो लोग इस्लाम की सही जानकारी नहीं रखते, वही सोशल मीडिया पर मुफ्ती बनकर फतवे देने लगते हैं। शमी को ट्रोल करने वाले लोगों को पहले खुद इस्लाम के नियमों को समझना चाहिए।"

धर्मगुरु ने यह भी कहा कि रमजान के दौरान बीमार, सफर में रहने वाले, गर्भवती महिलाएं और मुश्किल परिस्थितियों में काम करने वाले लोग रोजा छोड़ सकते हैं और बाद में इसकी क़ज़ा कर सकते हैं।


'कैमरे के सामने खाने-पीने से बचें' – धर्मगुरु की शमी को नसीहत

हालांकि, इस पूरे विवाद में धर्मगुरु इंतेसाब कादरी ने मोहम्मद शमी को भी हिदायत दी है। उन्होंने कहा,

"अगर कोई खिलाड़ी या व्यक्ति रमजान में रोजा नहीं रख पा रहा है, तो उसे खुलेआम खाने-पीने से बचना चाहिए। खासकर जब आप सार्वजनिक रूप से इतनी निगाहों के बीच होते हैं, तो थोड़ा ध्यान रखना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा कि खेल और मेहनत करने वाले लोग अपनी जरूरत के हिसाब से भोजन या पानी ले सकते हैं, लेकिन यह मीडिया और कैमरों से दूर होना चाहिए।


शमी के बचाव में उतरे फैंस: 'खेल भी जरूरी, ट्रोलर्स को कोई काम नहीं!'

जहां एक ओर शमी को ट्रोल किया गया, वहीं उनके फैंस भी उनके समर्थन में उतर आए। कई यूजर्स ने लिखा,

  • "शमी भारतीय क्रिकेट का गर्व हैं, धर्म के ठेकेदारों को उनके करियर पर सवाल उठाने का हक नहीं!"
  • "जब फुटबॉलर्स, एथलीट्स और अन्य मुस्लिम खिलाड़ी रोजा नहीं रखते, तब हंगामा क्यों नहीं होता?"
  • "खेल एक प्रोफेशन है, इसमें शरीर को एनर्जी चाहिए, जो लोग ज्ञान बांट रहे हैं, पहले खुद मेहनत करके देखें!"

एक यूजर ने लिखा, "रोजा रखना निजी आस्था है, इसे दिखावे के लिए नहीं रखा जाता। धर्म और खेल को अलग रखना चाहिए।"


क्या कहते हैं इस्लामिक नियम?

इस्लामिक नियमों के अनुसार, रोजा छोड़ने के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:

  1. बीमारी या कमजोरी: अगर कोई व्यक्ति बीमार है या उसकी हालत ऐसी है कि रोजा रखने से उसकी सेहत पर असर पड़ेगा, तो उसे रोजा छोड़ने की इजाजत है।
  2. यात्रा: सफर में रहने वाले मुसलमानों को रोजा छोड़ने की छूट है, लेकिन बाद में इसकी क़ज़ा करनी होगी।
  3. शारीरिक मेहनत: अगर कोई व्यक्ति ऐसा काम कर रहा है, जिसमें रोजा रखने से उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, तो उसे रोजा छोड़ने की अनुमति है।

शमी को ट्रोल करना कितना सही?

मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर बवाल मचाना सोशल मीडिया ट्रोलिंग की हकीकत को दिखाता है। धर्म और खेल को आपस में मिलाने से सिर्फ विवाद खड़ा होता है। इस्लामिक नियम भी स्पष्ट रूप से यह कहते हैं कि अगर किसी को मजबूरी में रोजा छोड़ना पड़े तो वह बाद में उसकी क़ज़ा कर सकता है।

ट्रोलर्स का काम सिर्फ हंगामा खड़ा करना है, लेकिन फैंस ने इस विवाद को बेवजह बताते हुए शमी का समर्थन किया है। धर्मगुरु ने भी साफ कर दिया है कि खेल के कारण रोजा छोड़ने में कोई गुनाह नहीं है, लेकिन सार्वजनिक रूप से खाने-पीने से बचना चाहिए।

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