मुरादाबाद में यूपी पुलिस के सिपाही ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में तीन पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए, डीजल चोरी के झूठे आरोप से था परेशान।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक यूपी पुलिस के सिपाही ने अपने ही पुलिसकर्मी साथियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतक सिपाही ने सुसाइड नोट में अपने ऊपर लगे डीजल चोरी के झूठे आरोप का जिक्र किया और लिखा कि उसे बेवजह फंसाया जा रहा था।
यह घटना पुलिस महकमे में हड़कंप मचाने वाली साबित हुई। सुसाइड नोट में तीन पुलिसकर्मियों के नाम दर्ज हैं, जिन्हें सिपाही ने अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इन नामों में हेड कांस्टेबल शमीम, कांस्टेबल ग्यास और होमगार्ड भानु प्रताप शामिल हैं।
कमरे में फांसी लगाकर दी जान
मृतक सिपाही की पहचान अमरोहा जिले के राजपुर अटरेना गांव निवासी अमित कुमार के रूप में हुई। वह मुरादाबाद के मझोला थाना इलाके में किराए के मकान में रहता था।
16 मार्च की सुबह मकान मालिक ने अमित को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब उसने दरवाजा खटखटाया और कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो खिड़की से झांककर देखा। अंदर अमित का शव फंदे पर लटका मिला। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सुसाइड नोट में लिखी आखिरी बात
मृतक अमित कुमार ने अपने सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा,
"मेरे ऊपर गलत आरोप लगाया गया है। मैंने डीजल नहीं चुराया। मुझे पुलिस कर्मियों और होमगार्ड के द्वारा परेशान किया जा रहा है, जिसकी वजह से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे साथी हेड कांस्टेबल शमीम, कांस्टेबल ग्यास और होमगार्ड भानु प्रताप ने मुझे इस हद तक प्रताड़ित किया कि जीने की कोई वजह नहीं बची।"
इस पत्र ने मुरादाबाद पुलिस में सनसनी फैला दी।
क्या कहा पुलिस अधीक्षक नगर ने?
मामले पर मुरादाबाद एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि,
"मझोला थाना इलाके में रहने वाला कांस्टेबल, जो कटघर थाने में यूपी 112 की गाड़ी पर तैनात था, उसने आत्महत्या कर ली। मौके से मिले सुसाइड नोट में कुछ पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हैं। आरोप गंभीर हैं, इसलिए तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही कानूनी कार्रवाई होगी।"
क्या डीजल चोरी के झूठे आरोप ने ली जान?
सिपाही अमित के सुसाइड नोट में डीजल चोरी का भी जिक्र है। इस मामले में पुलिस विभाग के ही कुछ लोग शामिल थे, जिन पर सिपाही को झूठे केस में फंसाने का शक जताया जा रहा है।
परिजनों ने भी आरोप लगाया कि,
"अमित बेवजह फंसाया जा रहा था। उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। अगर पुलिसकर्मियों पर पहले कार्रवाई होती, तो आज अमित जिंदा होता।"
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप, कार्रवाई की मांग
इस घटना से यूपी पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आत्महत्या के पीछे पुलिसकर्मियों की प्रताड़ना और झूठे आरोप जैसे पहलू बेहद चौंकाने वाले हैं।
परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही है।
क्या यह यूपी पुलिस के लिए बड़ा सवाल नहीं?
यूपी पुलिस विभाग में पहले भी साथी पुलिसकर्मियों की प्रताड़ना से आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। यह घटना पुलिस महकमे की कार्यशैली और आंतरिक अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
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