पाकिस्तान के लिए कर रहा था जासूसी! कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का मैनेजर हनी ट्रैप में फंसा, ISI को भेज रहा था खुफिया जानकारी – गिरफ्तार


कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का मैनेजर हनी ट्रैप में फंसकर ISI को खुफिया दस्तावेज भेज रहा था, यूपी एटीएस ने किया गिरफ्तार, जांच जारी।

कानपुर: उत्तर प्रदेश एटीएस ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले एक और आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया है। कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात जूनियर बक्से मैनेजर कुमार विकास को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील जानकारियां लीक करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि विकास फेसबुक पर 'नेहा शर्मा' नाम की आईएसआई एजेंट के संपर्क में आया, जो उसे हनी ट्रैप में फंसाकर फैक्ट्री के खुफिया दस्तावेज हासिल कर रही थी।

व्हाट्सएप और लूडो ऐप के जरिए होती थी गोपनीय सूचनाओं की तस्करी

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, कुमार विकास और पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा के बीच बातचीत व्हाट्सएप, मैसेंजर और लूडो ऐप के जरिए होती थी। यही नहीं, उसने पैसों के लालच में फैक्ट्री के संवेदनशील दस्तावेज, हथियार निर्माण से जुड़े गोपनीय चार्ट, गोला-बारूद की जानकारी, कर्मचारियों की अटेंडेंस शीट और मशीनों की लोकेशन तक पाकिस्तानी एजेंट को भेजी थी।

ISI की साजिश का पर्दाफाश – पहले फिरोजाबाद से गिरफ्तार हुआ था रविंद्र कुमार

कुमार विकास की गिरफ्तारी से पहले फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से रविंद्र कुमार को पकड़ा गया था, जो उसी पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था। एटीएस की पूछताछ में रविंद्र ने खुलासा किया कि ISI के लिए जासूसी करने वालों का एक पूरा नेटवर्क फैला हुआ है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कानपुर में सक्रिय एजेंटों पर निगरानी बढ़ा दी थी।

कैसे आईएसआई के जाल में फंसे भारतीय कर्मचारी?

आईएसआई एजेंट नेहा शर्मा ने खुद को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) की कर्मचारी बताकर भारतीय अधिकारियों से दोस्ती बढ़ाई। सोशल मीडिया पर पहले दोस्ती और फिर आकर्षक प्रस्ताव देकर वह भारतीय कर्मचारियों को अपने जाल में फंसाने लगी। हनी ट्रैप और पैसे का लालच देकर वह गोपनीय सूचनाएं निकलवाने में कामयाब रही।

परमाणु और रक्षा स्थलों को निशाना बना रही है ISI, अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। जांच में पाया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों को लंबे समय से निशाना बना रही है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज, सेना के ठिकाने और अन्य रक्षा संबंधित संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को हनी ट्रैप और पैसे के लालच में फंसाकर देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां लीक करवाई जा रही हैं।

ATS ने बरती सख्ती – और गिरफ्तारियां संभव

उत्तर प्रदेश एटीएस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि कुमार विकास और रविंद्र कुमार के अलावा कुछ और कर्मचारी भी इस जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। मामले में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।


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