रील का शौक बना मौत की वजह! गाजीपुर में पोस्टमार्टम असिस्टेंट चंद्रशेखर रावत ने रिक्शे पर किया स्टंट, सिर के बल गिरकर तोड़ा दम



गाजीपुर में रील बनाते वक्त पोस्टमार्टम असिस्टेंट चंद्रशेखर रावत की दर्दनाक मौत, चलते रिक्शे से गिरा, सिर फटने से मौत।


गाजीपुर में रील बनाते वक्त पोस्टमार्टम असिस्टेंट की दर्दनाक मौत, परिवार और साथियों में पसरा मातम

गाजीपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पोस्टमार्टम हाउस में पिछले 12 वर्षों से कार्यरत चंद्रशेखर रावत की रील बनाने के दौरान दर्दनाक मौत हो गई। चंद्रशेखर रावत न सिर्फ अपने काम में माहिर थे, बल्कि अपने अजीबोगरीब गेटअप और रील बनाने के शौक के लिए भी जाने जाते थे। गुरुवार रात उन्होंने अपनी जान गंवा दी, जब वह चलते ई-रिक्शा की छत पर चढ़कर रील बना रहे थे और अचानक सिर के बल सड़क पर गिर पड़े।

पोस्टमार्टम हाउस का पोस्टमार्टम असिस्टेंट बना इंस्टाग्राम स्टार, रील के चक्कर में गई जान

चंद्रशेखर रावत, गाजीपुर के कोतवाली इलाके के रहने वाले थे और सालों से पोस्टमार्टम हाउस में आउटसोर्सिंग से कार्यरत थे। उनका काम पोस्टमार्टम में डॉक्टरों की मदद करना था। चंद्रशेखर पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हो गए थे और अलग-अलग गेटअप में रील्स बनाकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया करते थे। लोगों के बीच वह अपने अजीबोगरीब वेशभूषा और रील्स की वजह से काफी चर्चित हो गए थे। लेकिन किसे पता था कि यही रील उनकी जिंदगी की आखिरी रील बन जाएगी।

चलते ई-रिक्शा पर कर रहे थे डांस, अचानक गिर पड़े और मौके पर ही मौत

गुरुवार रात चंद्रशेखर रावत रेलवे स्टेशन के पास एक ई-रिक्शा पर चढ़े और चलते रिक्शे की छत पर डांस करने लगे। रील शूट करने के दौरान रिक्शा हल्का सा झटका खा गया और चंद्रशेखर का संतुलन बिगड़ गया। वह सीधे सिर के बल सड़क पर गिर पड़े। वहां मौजूद लोग तुरंत उन्हें लेकर मेडिकल कॉलेज भागे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम हाउस में पसरा मातम, साथी बोले- रोज दूसरों का पोस्टमार्टम करने वाले का अब खुद होगा पोस्टमार्टम

चंद्रशेखर रावत की मौत से पोस्टमार्टम हाउस में मातम छा गया। उनके साथी और चीफ फॉर्मासिस्ट राजेश दुबे ने कहा कि विश्वास ही नहीं हो रहा कि रोज दूसरों का पोस्टमार्टम करने वाले चंद्रशेखर का आज खुद पोस्टमार्टम करना पड़ेगा। वही साथी जो हमेशा मौत को बहुत करीब से देखता था, आज खुद मौत का शिकार हो गया।

‘यमराज’ के नाम से मशहूर थे चंद्रशेखर, लावारिस शवों का करते थे अंतिम संस्कार

चंद्रशेखर रावत गाजीपुर में ‘यमराज’ के नाम से भी मशहूर थे क्योंकि वे हमेशा पोस्टमार्टम हाउस में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वालों की मदद करते थे। ‘लावारिसों के वारिस’ कहे जाने वाले कुंवर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रशेखर हमेशा अंतिम संस्कार में आगे रहते थे और जो भी शव लावारिस होते थे उनके दाह संस्कार में मदद करते थे। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर की दो पत्नियां हैं और दोनों से बच्चे भी हैं।

आखिरी दिन तक करते रहे पोस्टमार्टम, फिर खुद हो गए शव

पोस्टमार्टम हाउस के रिकॉर्ड के मुताबिक, चंद्रशेखर रावत ने मरने से ठीक पहले रामपुर माझा की एक महिला, नोनहरा की रीता गुप्ता और उसकी बेटी, तथा गौरहट के नदी में डूबे बालक ऋषभ उर्फ रितेश का पोस्टमार्टम किया था। इन सब के बाद ही वह अपने घर लौटने के लिए निकले और रील बनाने के चक्कर में अपनी जान गवा बैठे।

गाजीपुर में सोशल मीडिया पर छाया शोक, लोग बोले- रील से रियल लाइफ चली गई

चंद्रशेखर रावत की मौत की खबर सामने आते ही गाजीपुर में हर कोई सकते में आ गया। सोशल मीडिया पर उनके अंतिम रील और उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। लोग इस बात से हैरान हैं कि रोज़ मौत से खेलने वाले चंद्रशेखर को एक छोटी सी रील ने जिंदगी से जुदा कर दिया।

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