जौनपुर के मां अखिलेश्वरी धाम में सहस्त्र शतचंडी महायज्ञ का आयोजन, 70 काशी विद्वानों के मंत्रोच्चार से गूंज रहा माहौल, भक्तों का उमड़ा सैलाब।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
मछलीशहर (जौनपुर): सरावां गांव स्थित दुर्गा पंचायतन मां अखिलेश्वरी धाम में इन दिनों भक्ति का महासंगम देखने को मिल रहा है। 12वें वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर आयोजित सहस्त्र शतचंडी महायज्ञ और श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में हजारों श्रद्धालु हर दिन उमड़ रहे हैं। काशी के 70 विद्वानों के सस्वर वेदपाठ और मंत्रोच्चार से समूचा धाम भक्तिमय हो उठा है। श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ यज्ञशाला की परिक्रमा कर धार्मिक अनुष्ठान का पुण्य लाभ उठा रहे हैं।
महायज्ञ के मुख्य यज्ञाचार्य एवं कथा व्यास पं. रामसेवक पांडेय ने कहा कि सनातन धर्म को समृद्ध बनाने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए यज्ञों का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि मां अखिलेश्वरी धाम में आयोजित इस विशाल सहस्त्र शतचंडी महायज्ञ का उद्देश्य सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय की भावना को सशक्त करना है।
10 लाख आहुतियों के साथ दिव्य यज्ञ, भक्तों के बीच अद्भुत उत्साह
महायज्ञ के मुख्य आयोजक पं. अखिलेश्वरानंद जी महाराज (शास्त्री) ने बताया कि इस भव्य अनुष्ठान में कुल 10 लाख आहुतियां दी जा रही हैं। यज्ञ का संचालन काशी से आए 70 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है, जो दिन-रात यज्ञशाला में बैठकर वैदिक मंत्रों का जाप कर रहे हैं। यज्ञ की महत्ता को लेकर क्षेत्रीय श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्सुकता है।
धार्मिक अनुष्ठान का कार्यक्रम 11 मार्च को हवन और विशाल भंडारे के साथ संपन्न होगा।
काशी के विद्वानों के सान्निध्य में प्रवाहित हो रही श्रीमद्भागवत कथा की रसधारा
महायज्ञ के साथ ही धाम परिसर में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हर दिन भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। कथा व्यास द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण के दिव्य प्रसंगों और सत्संग का रसपान कराया जा रहा है। धार्मिक भक्ति और ज्ञान की इस अनूठी संगम में हर दिन क्षेत्रवासियों की अपार भीड़ उमड़ रही है।
श्रद्धालुओं में जबरदस्त आस्था, भक्ति के महासंगम में जुट रहे हजारों लोग
इस अनुष्ठान को लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह है। प्रतिदिन श्रद्धालु मां अखिलेश्वरी धाम में आकर यज्ञशाला की परिक्रमा कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। हवन-कुंड से उठती दिव्य आहुति की सुगंध और काशी के विद्वानों के मंत्रों की गूंज से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया है।
11 मार्च को भव्य समापन, विशाल भंडारे में उमड़ेंगे हजारों भक्त
कार्यक्रम संयोजक पं. दुर्गेश शास्त्री ने बताया कि महायज्ञ का समापन 11 मार्च को भव्य हवन और विशाल भंडारे के साथ होगा। उन्होंने क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में इस महायज्ञ में सम्मिलित होकर पुण्यलाभ प्राप्त करने की अपील की है।
धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हो रहे श्रद्धालु
प्रतिदिन इस भव्य आयोजन में रामकृष्ण मिश्र, जेएम शुक्ल, भैयाराम तिवारी, राजेश तिवारी, राजकुमार तिवारी, महेश तिवारी, रत्नेश दुबे, आशीष सिंह, तेजबहादुर सिंह, सियाराम सिंह समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित होकर धार्मिक अनुष्ठान का पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए महायज्ञ का महत्व
सहस्त्र शतचंडी महायज्ञ सनातन धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस यज्ञ से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है बल्कि समस्त जगत का कल्याण भी संभव होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह महायज्ञ नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
भक्ति और शक्ति का महायज्ञ, आस्था की नई ऊंचाइयों पर श्रद्धालु
मां अखिलेश्वरी धाम में चल रहा यह महायज्ञ भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम बन चुका है। भक्तों का जनसैलाब इस बात का प्रमाण है कि धर्म और आस्था की जड़ें कितनी गहरी हैं। सहस्त्र शतचंडी महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा के इस पावन आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालु अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं।
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