संभल की जामा मस्जिद हिंसा में बड़ा एक्शन: सदर ज़फ़र अली हिरासत में, SIT की सख्त पूछताछ जारी!




संभल हिंसा केस में बड़ा मोड़, जामा मस्जिद के सदर ज़फ़र अली हिरासत में, SIT कर रही सघन पूछताछ, पुलिस अलर्ट पर।


संभल जामा मस्जिद हिंसा में बड़ा मोड़: सदर ज़फ़र अली हिरासत में, पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए मस्जिद कमेटी के सदर ज़फ़र अली को हिरासत में ले लिया है। Sambhal Jama Masjid Violence केस में पूछताछ के लिए पुलिस ने ज़फ़र अली को समन भेजकर बुलाया था, जिसके बाद उन्हें SIT Detains Zafar Ali के तहत कड़ी सुरक्षा के बीच हिरासत में ले लिया गया।

इस घटना ने पूरे संभल जिले में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने जामा मस्जिद के चारों ओर heavy police deployment in Sambhal करते हुए PAC और RAF को भी अलर्ट पर रखा है।

24 नवंबर को हुआ था बवाल, कोर्ट के आदेश पर हो रहा था सर्वे
24 नवंबर को रविवार के दिन कोर्ट के आदेश पर Jama Masjid Survey के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि जिस जगह जामा मस्जिद स्थित है, वहां प्राचीन Harihar Mandir Dispute था। इसी को लेकर अदालत में याचिका दायर की गई थी और सर्वे के आदेश दिए गए थे।

सर्वे के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच stone pelting and firing in Sambhal शुरू हो गई। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि SDM Ramesh Chandra injured सहित कुल 20 से अधिक लोग घायल हुए।

Internet Ban और भारी सुरक्षाबल की तैनाती
स्थिति को काबू में लाने के लिए जिला प्रशासन ने Sambhal Internet Services Suspended कर दीं। साथ ही पूरे इलाके में धारा 144 लागू करते हुए जामा मस्जिद के बाहर massive police deployment कर दी गई।

Zafar Ali पर क्या है आरोप?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर ज़फ़र अली पर हिंसा को भड़काने, भीड़ जुटाने और inciting religious violence जैसे गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि हिंसा से पहले ज़फ़र अली की कुछ स्थानीय नेताओं और मौलवियों से गुप्त मीटिंग हुई थी, जिसमें anti-survey protest planning की बात सामने आ रही है।

50 से अधिक गिरफ्तारियां, महिलाएं भी शामिल
अब तक पुलिस इस मामले में over 50 arrests in Sambhal Violence कर चुकी है, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। FIR against Zafar Ali के तहत अब उनसे पूछताछ की जा रही है कि आखिर 24 नवंबर को हिंसा कैसे भड़की, किसने भीड़ को उकसाया और किन संगठनों ने मदद की।

SIT की जांच तेज, कई CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं
SIT द्वारा की जा रही जांच में मस्जिद परिसर और आसपास लगे CCTV footage of Jama Masjid Violence की जांच की जा रही है। साथ ही ज़फ़र अली और अन्य संदिग्धों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस को शक है कि इस पूरे मामले में organized conspiracy behind Sambhal violence थी।

धार्मिक तनाव के बीच प्रशासन अलर्ट
चूंकि मामला धार्मिक स्थल से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। किसी भी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और No Rumors on Social Media Sambhal के तहत सख्ती दिखाई जा रही है।

क्या है अगला कदम?
अब सबकी नजरें अदालत की अगली सुनवाई और पुलिस की जांच पर टिकी हैं। यदि ज़फ़र अली के खिलाफ साक्ष्य पुख्ता साबित होते हैं, तो उन्हें arrest under serious IPC sections किया जा सकता है। फिलहाल, उन्हें हिरासत में रखकर लगातार पूछताछ की जा रही है।

Sambhal Jama Masjid case अब एक संवेदनशील और राजनीतिक रूप से गर्माया हुआ मुद्दा बन चुका है। इस मामले में क्या मोड़ आता है और क्या सच सामने आता है, यह आने वाले दिनों में तय होगा।

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