संभल की बहुचर्चित शाही जामा मस्जिद हिंसा मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। मस्जिद के मौजूदा अध्यक्ष Zafar Ali की अंतरिम जमानत याचिका को कोर्ट ने सख्ती से खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से Zafar Ali को तगड़ा झटका लगा है। अब उनकी नियमित जमानत पर सुनवाई 2 अप्रैल को तय की गई है।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के बाद जफर अली को बीते दिनों गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल वह जेल में बंद हैं और उन पर violence incitement, public property damage, unlawful assembly जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
हिंसा की जड़ में कौन? पुलिस की नजरों में सबसे बड़ा संदिग्ध बने जफर अली
हिंसा से पहले जफर अली को मस्जिद में होने वाले survey की जानकारी पहले से थी। Police Investigation के अनुसार, 19 नवंबर को उन्हें सबसे पहले सर्वे की सूचना मिली थी। इसके बावजूद उन्होंने न तो प्रशासन को कोई सहयोग दिया और न ही स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की।
24 नवंबर 2024 को जब दोबारा सर्वे हुआ, उसी समय भीड़ एकत्रित की गई और यहीं से हालात बेकाबू हो गए। stone pelting, firing, rioting जैसे हालात पैदा हुए। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि SDM Ramesh Chandra समेत 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
जेल में हैं 50 से ज्यादा आरोपी, महिलाओं की भी गिरफ्तारी, इंटरनेट सेवा भी रही ठप
पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। Sambhal Tehsil में हिंसा के बाद तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
25 नवंबर को पुलिस ने जफर अली को पूछताछ के लिए Kotwali Police Station बुलाया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। पुलिस का दावा है कि जफर अली की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही और उन्होंने जानबूझकर भीड़ को उकसाया।
Zafar Ali पर दर्ज हुए ये गंभीर Sections – मामला और बढ़ा
जफर अली पर अब Bharatiya Nyay Sanhita (BNS) की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- धारा 191(2), 191(3) – झूठे साक्ष्य देना
- धारा 190, 221 – अवैध सभा और गैरकानूनी काम
- धारा 125, 132, 324(5) – सार्वजनिक शांति भंग करना
- धारा 196, 230, 231 – हथियार व विस्फोटक अधिनियम
- Public Property Act की धारा 3/4 – सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना
इन धाराओं के तहत जफर अली को strict legal action का सामना करना पड़ रहा है।
कोर्ट में पेशी के बाद फिर जेल, 2 अप्रैल को अगली सुनवाई
गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जफर अली के वकील ने अंतरिम जमानत की मांग की थी। मगर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अब अगली सुनवाई नियमित जमानत के लिए 2 अप्रैल को होगी।
पुलिस की ओर से पेश की गई रिपोर्ट और CCTV Footage, Call Records, Social Media Activity के आधार पर यह कहा जा रहा है कि जफर अली की भूमिका इस पूरे बवाल में सबसे अहम रही है।
स्थानीय प्रशासन सतर्क, हालात पर पैनी नजर
हिंसा के बाद से ही Sambhal Administration सतर्क है। मस्जिद क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
प्रशासन की नजर हर उस शख्स पर है जो social media के जरिए भड़काऊ पोस्ट कर रहा है या फिर अफवाह फैला रहा है। Misuse of Social Media के लिए भी कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
क्या जफर अली को मिलेगी जमानत? 2 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी नजर
अब सबकी निगाहें 2 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं। अगर कोर्ट उस दिन भी जमानत देने से इनकार कर देती है तो जफर अली को लंबे वक्त तक जेल में रहना पड़ सकता है।
पुलिस की माने तो उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि Zafar Ali ने इस हिंसा में planned role निभाया था।
इस हाई प्रोफाइल मामले में लगातार नए मोड़ आ रहे हैं, और जमानत याचिका की अस्वीकृति से साफ है कि कोर्ट फिलहाल सख्त रुख अपनाए हुए है।
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