सीतापुर में पत्रकार की हत्या से जौनपुर में उबाल, पत्रकार संघ ने भरी हुंकार – सरकार से की पीड़ित परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग!



सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या से जौनपुर पत्रकार संघ में भारी आक्रोश। दोषियों की गिरफ्तारी, 1 करोड़ मुआवजा व सरकारी नौकरी की उठी मांग।

इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट


सीतापुर में पत्रकार की निर्मम हत्या पर जौनपुर में उबाल, पत्रकार संघ ने कहा – अब और नहीं सहेंगे अन्याय!

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। इस निर्मम हत्या के विरोध में जौनपुर पत्रकार संघ मछलीशहर ने एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें पत्रकारों ने गहरी नाराजगी जाहिर की। पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार पांडे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी पत्रकारों ने एक सुर में इस जघन्य कृत्य की निंदा की और दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग उठाई।

पत्रकार संघ ने मांग की कि सरकार मृतक पत्रकार के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, परिजनों को सरकारी नौकरी, और दोषियों को फांसी जैसी कड़ी सजा दे, ताकि भविष्य में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

हत्या से दहशत में पत्रकार, सरकार से सुरक्षा की गारंटी की मांग

मीडिया जगत के लिए यह घटना किसी सदमे से कम नहीं है। राघवेंद्र बाजपेई अपने क्षेत्र में निडर पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे और कई बार उन्होंने प्रशासनिक लापरवाही, अपराधियों की साठगांठ और भ्रष्टाचार के खिलाफ खबरें प्रकाशित की थीं। उनकी दिनदहाड़े हत्या ने न सिर्फ पत्रकार समुदाय बल्कि आम जनता के बीच भी रोष फैला दिया है।

जौनपुर में हुई बैठक में पत्रकार संघ के अनिल कुमार पांडे, मनोज तिवारी, इंद्रेश तिवारी, रमन यादव, हाफिज नियामत, संजय सिंह, करुणाकर द्विवेदी, अरुण तिवारी, सतीशचन्द्र दूबे, कमलेश मिश्रा, धर्मेंद्र गिरी, विवेक गुप्ता, शोहरत अली, विवेक चौरसिया, सुनील पटेल, रबि मिश्रा सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने हिस्सा लिया और एकमत होकर सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।

पत्रकारों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि पत्रकार ही सुरक्षित नहीं हैं, तो निष्पक्ष पत्रकारिता कैसे संभव होगी? सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक सख्त नीति लागू करनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।

पत्रकारों ने दी चेतावनी – जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन

इस बैठक में सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया और पीड़ित परिवार की सहायता नहीं की, तो पूरे प्रदेश में पत्रकार आंदोलन की राह अपनाने के लिए मजबूर होंगे। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करें और न्याय सुनिश्चित करें।

क्या सरकार देगी पत्रकारों को न्याय, या यूं ही होती रहेगी कलम के सिपाहियों की हत्या? यह सवाल अब हर किसी के मन में है। यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो पत्रकारों के आंदोलन की लहर पूरे उत्तर प्रदेश में फैल सकती है।

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