सीतापुर पत्रकार हत्याकांड पर भाकियू संयुक्त मोर्चा का उग्र प्रदर्शन: भ्रष्टाचार का पुतला फूंका, हत्यारों के एनकाउंटर और मुआवजे की मांग



उत्तर प्रदेश के सीतापुर पत्रकार हत्याकांड के विरोध में भाकियू संयुक्त मोर्चा ने भ्रष्टाचार का पुतला फूंककर सरकार से दोषियों के एनकाउंटर और मुआवजे की मांग की।

नरेश सागर जिला संवाददाता अमरोहा

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ जनता का गुस्सा अब सड़कों पर फूट रहा है। हाल ही में सीतापुर जिले में हुए जघन्य पत्रकार हत्याकांड के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) संयुक्त मोर्चा ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए भ्रष्टाचार का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया। संगठन ने साफ कहा कि भाड़े के हत्यारों से ज़्यादा खतरनाक सिस्टम हो चुका है, जो अपराधियों को खुलेआम संरक्षण दे रहा है।

सीतापुर हत्याकांड: न्याय की लड़ाई में भाकियू मोर्चा का उग्र विरोध

सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की निर्मम हत्या ने प्रदेशभर के पत्रकारों और किसानों में उबाल ला दिया है। सोमवार को अमरोहा जिले के गजरौला हाईवे पर भाकियू संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र के खिलाफ नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की कि –

  • दोषियों का एनकाउंटर किया जाए
  • मृतक पत्रकार के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा मिले
  • पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि प्रदेश में पत्रकारों पर हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे न केवल पत्रकारिता संकट में है, बल्कि आम जनता भी असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "अगर समाज और सरकार साथ दे तो निर्भीक पत्रकार किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।"

तहसीलों में फैला भ्रष्टाचार, किसानों की ज़मीनों पर डाका

भाकियू के नेताओं ने सिर्फ पत्रकारों पर हमलों को लेकर ही नहीं, बल्कि तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार को लेकर भी आक्रोश जताया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हसनपुर तहसील में हल्का लेखपाल की मनमानी हदें पार कर चुकी हैं

  • तहसीन और आजिम नामक किसानों की गाटा संख्या 198 ज़मीन की नाप-जोख किए बिना ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया
  • गजरौला थाने के जलालनगर मोहल्ले में दबंगों ने आरिफ़ नामक किसान की चार बीघा जमीन हड़पने की साजिश रची और जब उसने विरोध किया तो उस पर जानलेवा हमला किया गया।

भाकियू नेताओं ने कहा कि गांवों में ज़मीनों की लूट और सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के चलते किसान टूट चुके हैं। तहसीलों में व्याप्त धांधली और लूट-खसोट के कारण आए दिन गांवों में झगड़े और फसाद बढ़ रहे हैं

पत्रकारों की हत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून की मांग

भाकियू मोर्चा ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले

बढ़ते अपराध और ढीली कानून व्यवस्था पर जनता का आक्रोश

सीतापुर का यह मामला कोई अकेली घटना नहीं है। प्रदेशभर में आए दिन पत्रकारों को या तो डराया जा रहा है, या फिर उन पर हमले किए जा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि आंचलिक पत्रकारों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है

पत्रकारिता का मूल आधार सत्य और निष्पक्षता होता है, लेकिन जब अपराधी और भ्रष्टाचारी सत्ता के संरक्षण में फलने-फूलने लगते हैं, तो लोकतंत्र पर सीधा खतरा मंडराने लगता है।

भाकियू ने दी चेतावनी – न्याय नहीं मिला तो होगा बड़ा आंदोलन

भाकियू मोर्चा ने सीएम योगी सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीतापुर पत्रकार हत्याकांड में दोषियों को सजा नहीं मिली और सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा

किसानों और पत्रकारों की एकता इस बार सरकार के लिए बड़ा संदेश दे रही है कि अब अन्याय सहन नहीं होगा। यदि सरकार ने जल्द ही कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन जनता की आवाज बनकर पूरे प्रदेश में गूंजेगा

पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून बनाने की मांग

भाकियू के प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक पत्रकार सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह सकता।

उत्तर प्रदेश के पत्रकारों पर हमले और हत्याओं की घटनाएं सरकार की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं। यदि प्रशासन ने इन मामलों पर गंभीरता नहीं दिखाई, तो जनता खुद सड़कों पर उतरकर न्याय की लड़ाई लड़ेगी।

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