बलरामपुर में सिद्धि पाने के लिए तांत्रिक ने दो साल के बच्चे को अगवा कर बलि की तैयारी की, गांववालों की सतर्कता से बची मासूम की जान।
तांत्रिक बना हैवान: 2 साल के मासूम की बलि से सिद्धि पाने चला था शातिर, मिट्टी की डेहरी में बेहोश मिला बच्चा
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ तंत्र-मंत्र और human sacrifice के अंधविश्वास में डूबे एक व्यक्ति ने दो साल के मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा। सिद्धि प्राप्ति की सनक में एक निर्दोष बच्चे को kidnap कर उसकी बलि की तैयारी कर रहा था। हालांकि, गांववालों की सूझबूझ और तत्परता ने इस घिनौने कांड को होते-होते रोक दिया।
घटना बलरामपुर के उतरौला थाना क्षेत्र के तेंदुआ तकिया गांव की है, जहाँ शनिवार की शाम को दो साल का मासूम अनमोल अपने घर के बाहर खेल रहा था। तभी अचानक वह गायब हो गया। जब परिवार ने उसे आसपास ढूंढा और बच्चा कहीं नहीं मिला, तो गांववालों ने भी मदद के लिए कमर कस ली। रातभर की तलाश के बाद रविवार को सुबह एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
मिट्टी की डेहरी बनी शैतानी तंत्र का ठिकाना, बेहोश मिला बच्चा
गांववालों की खोजबीन जब आरोपी Laxmi Narayan Kori के घर तक पहुँची, तो उन्होंने देखा कि वह बेहद घबराया हुआ है और मिट्टी की बनी डेहरी के पास किसी को जाने नहीं दे रहा। शक और गहराया, जब उसने हाथ जोड़कर लोगों को रोकने की कोशिश की। इसके बाद गांववालों ने जबरन डेहरी को खोला तो सभी की सांसें थम गईं—अंदर मासूम अनमोल बेहोश हालत में पड़ा था।
बच्चे को बाहर निकालते ही गांववालों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और आरोपी को मौके पर ही दबोच लिया। बलरामपुर एसपी विकास कुमार के अनुसार, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है।
पत्नी की मौत और संतानहीनता बनी शैतानी मानसिकता की जड़
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लक्ष्मी नारायण कोरी की पत्नी की मौत कुछ समय पहले हुई थी। उसके कोई संतान नहीं थी, और इसी वजह से वह मानसिक अवसाद में चला गया था। इसके बाद उसने अपने घर में tantra mantra के जरिए सिद्धि प्राप्त करने की कोशिशें शुरू कर दी थीं।
पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह तंत्र-सिद्धि के लिए manav bali देने की योजना बना रहा था। उसने पहले से एक khurpi, chhura और gadaasa जैसी धारदार चीजें रखी थीं, जिन्हें पुलिस ने उसके घर से बरामद कर लिया है।
तंत्र क्रिया के लिए चुना मासूम को, तय था बलि का समय
आरोपी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि वह उपयुक्त मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहा था ताकि बच्चे की बलि दे सके। इसके लिए उसने बच्चे को बेहोश कर मिट्टी की डेहरी में छिपा दिया था ताकि कोई उसे न देख सके और अनुष्ठान के दौरान उसे बलि चढ़ाया जा सके।
लेकिन गांववालों की सजगता और हिम्मत ने समय रहते इस अमानवीय कृत्य को रोक दिया। बच्चा अब सुरक्षित है और उसका उपचार जारी है।
पुलिस की जांच तेज, कई चौंकाने वाले खुलासों की संभावना
पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि क्या आरोपी का किसी बड़े black magic नेटवर्क से कोई संबंध था या यह सिर्फ उसकी निजी सनक थी। गांव के कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी पिछले कुछ महीनों से रात में अजीब हरकतें करता था, मंत्रोच्चार सुनाई देते थे और घर में कोई आने-जाने वाले नहीं थे।
भारत में तंत्र-मंत्र और मानव बलि की कुप्रथा आज भी जिंदा
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि 21वीं सदी में भी भारत के कई हिस्सों में अंधविश्वास और tantra mantra जैसी कुप्रथाएं किस हद तक लोगों के ज़हन में जहर घोल चुकी हैं। Child kidnapping for sacrifice, black magic in India, human sacrifice rituals जैसे कीवर्ड्स भारत में आज भी गूगल ट्रेंड्स में जगह बना रहे हैं। यह समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी है।
सवाल बहुत हैं, जवाब प्रशासन और समाज दोनों को देना होगा
ऐसी घटनाएं केवल कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि समाजिक मानसिकता और जागरूकता का भी बड़ा सवाल हैं। जब तक तंत्र-मंत्र के नाम पर लोगों की सोच नहीं बदलेगी और child safety in rural India सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक अनमोल जैसे मासूम खतरे में रहेंगे।
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