UP की सरकारी एंबुलेंस MP की मंडी में बेच रही तरबूज! वायरल वीडियो ने सरकारी सिस्टम की पोल खोली, जनता हैरान।
तरबूज की दुकान या एंबुलेंस? वायरल वीडियो ने खोली प्रशासन की पोल
मध्य प्रदेश के गुना जिले की मंडी में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने हर किसी को चौंका दिया। उत्तर प्रदेश की नंबर प्लेट वाली सरकारी ambulance को मंडी में खड़ा देख लोग पहले तो घबरा गए कि शायद कोई आपात स्थिति है, लेकिन जैसे ही एंबुलेंस के पिछले दरवाज़े खुले और अंदर से watermelon की बोरियां उतरने लगीं, वहां मौजूद हर शख्स दंग रह गया।
एम्बुलेंस नहीं, फल वाली वैन! सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक
घटना का वीडियो किसी स्थानीय युवक ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जो अब viral video बन चुका है। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि किस तरह एक सरकारी ambulance को पीले रंग की तिरपाल से ढंककर तरबूज मंडी में उतारे जा रहे हैं। ड्राइवर और उसके साथी तरबूज उतारते हैं और देखते ही देखते एंबुलेंस लेकर गायब हो जाते हैं।
बीमार सिस्टम की एंबुलेंस से बिक रहा फल
जिस एंबुलेंस को मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, वही अब fruit transportation का ज़रिया बन चुकी है। ये केवल एक गाड़ी की बात नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की बीमार मानसिकता और भ्रष्टाचार की कहानी बयां करता है।
MP की मंडी में UP की एंबुलेंस, जिम्मेदार कौन?
गुना की इस मंडी में यूपी नंबर की एंबुलेंस का पहुंचना सिर्फ इत्तेफाक नहीं माना जा सकता। सूत्रों के मुताबिक ये गाड़ी सीधे उत्तर प्रदेश से गुना भेजी गई थी। आढ़तिया ने इसका उपयोग खुल्लेआम व्यापार के लिए किया, लेकिन किसी भी लोकल अधिकारी ने कोई आपत्ति नहीं जताई।
जनता का फूटा गुस्सा, स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब उन्हें ज़रूरत होती है, तब तो सरकारी emergency ambulance घंटों नहीं पहुंचती, लेकिन फल बेचने के लिए समय पर आ जाती है। इस पर अब जनता का गुस्सा साफ झलक रहा है।
सिस्टम की चुप्पी बनी सवालों की वजह
वायरल वीडियो सामने आने के बाद भी अब तक न तो उत्तर प्रदेश और न ही मध्य प्रदेश प्रशासन ने कोई ठोस बयान जारी किया है। क्या यह घटना बिना किसी मिलीभगत के संभव है? क्या यह ambulance misuse एक बड़ी भ्रष्टाचार की श्रृंखला का हिस्सा है?
एंबुलेंस की दुकान में तब्दील होने की पूरी कहानी
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एंबुलेंस मंडी में आकर सीधे एक दुकान के सामने रुकी। ड्राइवर ने पहले एंबुलेंस पर पीली तिरपाल डाली ताकि अंदर दिखे ना, फिर एक-एक करके तरबूज उतारने लगा। कुछ ही देर में गाड़ी वहां से निकल गई, लेकिन वीडियो वायरल हो चुका था।
प्रशासन कब जागेगा? वायरल वीडियो पर कब होगी कार्रवाई?
यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है। सरकारी संपत्ति का इस तरह commercial use न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह आम जनता के साथ धोखा भी है। यदि यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया तक ना पहुंचता, तो शायद ये एंबुलेंस आज भी तरबूज ढो रही होती।
संकट में जनता, मौन है सिस्टम
जहां एक ओर आम जनता एंबुलेंस के लिए तरसती है, वहीं दूसरी ओर सरकारी गाड़ियां सब्जी-फल के धंधे में लगी हैं। ये दर्शाता है कि सिस्टम कितना लापरवाह हो चुका है। वायरल वीडियो के बाद पूरे देश में चर्चा तेज़ है, लेकिन कार्रवाई कब होगी? यह अब देखने वाली बात होगी।
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