यूपी सरकार ने 7 IAS-PCS अफसरों का तबादला किया, प्रतीक्षारत अधिकारियों को दी गई नई जिम्मेदारी, जानें पूरी लिस्ट और ताजा अपडेट।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार प्रशासनिक सख्ती और सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए अफसरों की तैनाती और तबादलों में सक्रिय बनी हुई है। इसी कड़ी में सरकार ने एक बार फिर 7 आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। खास बात यह है कि इनमें कई ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं, जो लंबे समय से प्रतीक्षारत थे और अब उन्हें महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
प्रतीक्षारत अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी
इस प्रशासनिक फेरबदल में सबसे अहम नाम आईएएस एम. देवराज का है, जिन्हें प्रमुख सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक के पद पर नियुक्त किया गया है। एम. देवराज पहले सस्पेंड किए गए थे, लेकिन अब उनकी बहाली के बाद सरकार ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।
इसके अलावा प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारियों में घनश्याम सिंह को विशेष सचिव, वन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि आईएएस निशा को मथुरा का संयुक्त मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इन तैनातियों से साफ है कि सरकार अनुभवी और योग्य अधिकारियों को फिर से प्रशासनिक मोर्चे पर सक्रिय कर रही है।
चार PCS अधिकारियों के भी हुए तबादले
आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ चार पीसीएस अधिकारियों का भी तबादला किया गया है। इसमें सबसे बड़ा नाम जयजीत कौर का है, जिनका स्थानांतरित आदेश निरस्त कर अब उन्हें प्रयागराज मंडल का अपर आयुक्त बनाया गया है। जयजीत कौर ने महाकुंभ के दौरान अपने पुलिस अधिकारी पति के साथ बेहतरीन कार्य किया था, जिसकी वजह से उन्हें यह नई जिम्मेदारी मिली है।
इसके अलावा पीसीएस अरुण कुमार सिंह को बाराबंकी में ADM FR की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि पीसीएस विधेश को ADM महाराजगंज बनाया गया है। वहीं, पीसीएस रेनू को अंबेडकरनगर की एसडीएम नियुक्त किया गया है।
सरकार लगातार कर रही बड़े प्रशासनिक बदलाव
योगी सरकार पिछले कुछ महीनों से लगातार प्रशासनिक फेरबदल कर रही है। हाल ही में जारी की गई तबादला सूची में 32 अधिकारियों के नाम शामिल थे। माना जा रहा है कि यह फेरबदल प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एक और बड़ा कदम है।
सरकार के इस फैसले के बाद अधिकारियों के बीच हलचल तेज हो गई है। कई जिलों में नए अधिकारियों की तैनाती से शासनिक कार्यों में बदलाव देखने को मिलेगा। वहीं, प्रदेश में आगामी चुनावों और विभिन्न प्रशासनिक अभियानों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी भी तरह की प्रशासनिक ढील नहीं देना चाहती।
आगे देखना होगा कि यह फेरबदल प्रदेश के प्रशासनिक परिदृश्य को कितना प्रभावित करता है और इन नए अधिकारियों की तैनाती से शासन-प्रशासन में कितनी मजबूती आती है।
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